28 साल बाद फिर खुलेगी सरला मिश्रा कांड की फाइल, फिर से शुरू होगी जांच

भोपाल की चर्चित और रहस्यमयी सरला मिश्रा कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। 28 वर्षों बाद अदालत ने इस केस की फाइल दोबारा खोलने के आदेश दिए हैं। मामले की जांच अब फिर से की जाएगी। यह आदेश भोपाल की तेरहवीं सिविल जज सीनियर सेक्शन, पलक राय ने जारी किया है। यह खबर सामने आते ही सरला मिश्रा के परिवार सहित राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।

सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने अदालत के आदेश के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम 28 सालों से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज कोर्ट ने माना कि पुलिस की जांच में लापरवाही हुई थी। हमें शुरू से यकीन था कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या थी।” उन्होंने यह भी मांग की कि इस बार जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

क्या था सरला मिश्रा कांड?

यह मामला 14 फरवरी 1997 का है, जब कांग्रेस की महिला नेता सरला मिश्रा को गंभीर रूप से झुलसी अवस्था में भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, जहां 19 फरवरी 1997 को उनकी मौत हो गई।

उस वक्त इस घटना ने मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था। बीजेपी ने इस रहस्यमयी मौत को हत्या करार देते हुए पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया और विधानसभा में भी मामला उठाया।

CBI जांच की घोषणा हुई, पर नोटिफिकेशन नहीं आया

सरकार की ओर से तत्कालीन गृहमंत्री चरण दास महंत ने 27 फरवरी 1997 को CBI जांच की घोषणा की थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कभी भी जांच का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।

इसके बाद, भोपाल पुलिस ने 27 मार्च 2000 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए केस को बंद कर दिया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि सरला मिश्रा ने डाइंग डिक्लेरेशन में कहा था कि उन्होंने खुद ही खुदकुशी की थी और इसमें किसी का दोष नहीं है।

कई सालों तक कानूनी लड़ाई, अब जाकर फिर जगी उम्मीद

सरला मिश्रा के परिवार ने पुलिस की इस जांच को पक्षपातपूर्ण बताया और दिग्विजय सिंह व उनके भाई लक्ष्मण सिंह पर आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की। हालांकि, 31 जनवरी 2006 को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी।

इसके बाद भी सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने हार नहीं मानी और 2018 में फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबे कानूनी संघर्ष के बाद अब कोर्ट ने फाइल को दोबारा खोलने का आदेश दे दिया है।

कांग्रेस और बीजेपी में तीखी बयानबाज़ी शुरू

जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, राजनीति में भी हलचल तेज हो गई। कांग्रेस के प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने बयान दिया कि सरला मिश्रा ने आत्महत्या की थी और उन्होंने डाइंग डिक्लेरेशन में यह साफ कहा था। कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, वह सभी को मान्य होगा।

वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि, “यह एक सोची-समझी साजिश थी और सरला मिश्रा की हत्या की गई थी। अब समय आ गया है कि सच्चाई सामने आए और दोषियों को सज़ा मिले।” उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की।