प्रखर – वाणी
कभी कोमलता व भावुकता का प्रतिबिंब थी जनाना…अब उनकी हरकतों पर माँ-बाप को भी मुश्किल हो गया मनाना…लात ठूंसो से पिटाई पहले मर्द के जिम्मे आई…अब तो नवयुवतियों ने कदम – कदम पर मर्दानगी दिखाई…मारपीट का नया चलन आम हो गया है…लगता है संस्कारों का कारवां जाम हो गया है…हरदिन आ रहे हैं चोंटी पकड़कर खींचने वाले वीडियो…लड़की को पीटती लड़कियों के कमबख्त हुलियो…शरीफ लड़कियों की बदमाशों द्वारा ये कैसी खातिरदारी है…
हर तरफ जुनून बन गई अब तो नारी में रंगदारी है…चांटों का चलन कांटों का ताज…कभी करते थे तुम्हारी कोमलता पर नाज…पुरुषों से छीनकर महिलाओं में पहुँच गई गुंडागर्दी है…अपराधों की इस नई इबारत पर संकोच में पड़ गई वर्दी है…कैमरे खंगालकर कायमी की रचना हो रही है…नव पीढ़ी नव अंदाज में मदमस्त बन खो रही है…तमाशबीन समाज सिर्फ वीडियो बनाकर आनन्दित हो रहा है…खामोशी का आलम इन घटनाओं पर प्रोत्साहन का बीज बो रहा है…जिनके लड़के दोस्त दादागिरी के बादशाह होते हैं…उनकी मित्र लड़कियों के अरमान ही नादान बालाओं को धोते हैं…
नजारे देखकर लगता है कि अर्ध नारेश्वर के स्वरूप से दैत्य निकल रहा है आधा…सड़क पर चलते चलते ही स्निग्धा व जोधा के हाथों पिट गई बेचारी अनुराधा…ये सच है कि अब अबला नहीं सबला बन गई है नारी…हर मामले में अपने कौशल से नर पर पड़ रही भारी…मगर अपना जौहर दिखाना है तो बुरी नियत वाले गुंडों पर दिखाओ…जो तुम पर फब्तियां कसते हैं उनको जोरदार मजा चखाओ…छेड़खानी करते मजनुओं पर शमशीर चलाओगी…तो तुम वीरांगना बन झांसी की रानी कहलाओगी…गलत हरकतों को रोकने हेतु लात – ठूंसों का इस्तेमाल करोगी तो जन-जन का साथ पाओगी…लव जिहाद करने वालों पर गुर्राओगी तो जग में छा जाओगी…
अपने पराक्रम का प्रदर्शन करना है तो वहां करो जहां जरूरी है…महिषासुर मर्दनी बनोगी तो उसको देवताओं की भी मंजूरी है…मगर फिजूल अपनी झांकी जमाने के लिए दादागिरी मत करो…नीचे वाला मजबूर बने तो ऊपर वाले के न्याय से डरो…सृजन और संस्कार की झलक जब आएगी…तो दुनिया तुमको सर माथे पर उठाएगी…समाज महिलाओं की तरक्की पर खुश है इसलिए ये हरकतें बन्द करो…देश दुनिया में नाम रोशन हो ऐसे काम तो तुम चंद करो…तुमको शक्ति – भक्ति और देवी का दर्जा दिया है हमने उसको साकार करो…फिजूल की मारपीट करके तुम अपनी जिंदगी को मत बेकार करो…