अरिजीत सिंह के इंदौर कॉन्सर्ट में टैक्स को लेकर सवाल, निगम से 1.30 करोड़ की टैक्स चोरी, जानें पूरा मामला

इंदौर में शनिवार, 19 अप्रैल को होने जा रहे अरिजीत सिंह के भव्य कॉन्सर्ट को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आयोजकों ने इंदौर नगर निगम को अब तक 30 लाख रुपए मनोरंजन कर और 20 लाख का एक बिना तारीख का एडवांस चेक सौंपा है। यानी कुल 50 लाख रुपए की राशि निगम को दी गई है। नगर निगम और महापौर पुष्यमित्र भार्गव इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।
हालांकि, इसी बीच टैक्स चोरी का बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि अब तक बिके टिकटों के हिसाब से कुल टैक्स 1.80 करोड़ रुपए बनता है, लेकिन आयोजकों ने करीब 1.30 करोड़ रुपए का टैक्स छुपा लिया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग के रिकॉर्ड से पता चला है कि शो के लिए डायमंड, प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर और वीवीआईपी लाउंज जैसी कई कैटेगिरी में टिकट बेचे गए हैं। यह इंदौर का अब तक का सबसे महंगा शो माना जा रहा है। टिकट बिक्री के साथ ही मनोरंजन कर भी वसूल किया गया है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या आयोजकों द्वारा यह टैक्स नगर निगम को पूरी तरह दिया जाएगा? इस पूरे मामले को लेकर निगरानी और पारदर्शिता की मांग उठ रही है।
अरिजीत सिंह के इंदौर कॉन्सर्ट में टिकट बिक्री से करोड़ों की आमदनी, टैक्स को लेकर उठे सवाल
इंदौर में होने जा रहे अरिजीत सिंह के कॉन्सर्ट को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और टिकट बिक्री भी जोर-शोर से जारी है। ऑनलाइन बुकिंग के रिकॉर्ड के मुताबिक, टिकटों की कई कैटेगिरी – डायमंड, प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर और वीवीआईपी लाउंज – में बिक्री हो रही है। यह शो इंदौर का अब तक का सबसे महंगा म्यूजिक इवेंट माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, एक अच्छी बात यह है कि टिकटों की बिक्री के साथ ही मनोरंजन कर (एंटरटेनमेंट टैक्स) जोड़ा गया है, जिसे सीधे खरीदारों से वसूला जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह टैक्स नगर निगम को पूरी तरह से ट्रांसफर किया जाएगा या नहीं।
डायमंड कैटेगिरी की बात करें तो इसमें लगभग 900 टिकट हैं, जिनमें से सिर्फ तीन टिकट शेष हैं। इस कैटेगरी में टिकट की कीमतें 44,999 रुपए और 49,999 रुपए तक हैं। इसका मतलब है कि सिर्फ डायमंड टिकटों की बिक्री से ही आयोजकों को करीब सवा चार करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। अब जब इतनी बड़ी रकम टिकट बिक्री से जुटाई गई है, तो टैक्स की गणना के हिसाब से 1.80 करोड़ रुपए के करीब मनोरंजन कर बनता है, जबकि आयोजकों ने निगम को अभी तक केवल 50 लाख रुपए ही दिए हैं। इससे 1.30 करोड़ रुपए के टैक्स अंतर को लेकर निगम की निगरानी और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या इस टैक्स की पूरी राशि निगम तक पहुंचेगी, या मामला जांच का विषय बनेगा – यह देखने वाली बात होगी।
अरिजीत सिंह के इंदौर कॉन्सर्ट से टिकट बिक्री से हुई बंपर कमाई, टैक्स में बड़ा अंतर
अरिजीत सिंह का इंदौर में 19 अप्रैल को होने वाला कॉन्सर्ट न सिर्फ म्यूजिक लवर्स के लिए खास है, बल्कि आयोजकों के लिए बड़ी कमाई का सौदा भी बन गया है। अलग-अलग कैटेगिरी में टिकटों की बंपर बिक्री हुई है और उससे कुल कमाई का आंकड़ा 19 करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच चुका है। आइए, कैटेगिरी के हिसाब से जानते हैं कितनी बिक्री और कितनी कमाई हुई:
1. प्लेटिनम कैटेगिरी
•कुल टिकट: 6550
•टिकट दर: ₹13,499
•बिके टिकट: लगभग 6180
•कुल कमाई: करीब 8.34 करोड़ रुपए
2. गोल्ड कैटेगिरी
•कुल टिकट: लगभग 7000
•टिकट दर: ₹6,999
•सभी टिकट बिक चुके हैं
•कुल कमाई: करीब 4.9 करोड़ रुपए
3. सिल्वर कैटेगिरी
•बिके टिकट: 7000+ (1000 की बुकिंग बाकी)
•टिकट दर: ₹3,599
•कुल कमाई: लगभग 2.5 करोड़ रुपए
4. डायमंड कैटेगिरी (पहले से बताया गया)
•कुल टिकट: 900
•टिकट दर: ₹44,999 से ₹49,999
•कुल कमाई: करीब 4.2 करोड़ रुपए
कुल संभावित आमदनी:
≈ 8.34 + 4.9 + 2.5 + 4.2 = 19.94 करोड़ रुपए
अब सवाल ये उठ रहा है कि इतनी बड़ी राशि की टिकट बिक्री के बावजूद आयोजकों ने सिर्फ 50 लाख रुपए (30 लाख टैक्स और 20 लाख का बिना तारीख का चेक) नगर निगम को दिए हैं, जबकि मनोरंजन कर 1.80 करोड़ रुपए से ज्यादा बनता है। अगर टैक्स की सही वसूली नहीं हुई तो यह मामला निगम के लिए राजस्व की बड़ी हानि बन सकता है और जांच का विषय भी।
अरिजीत सिंह के शो में शराब बिक्री पर अटका मामला, आज होगी अंतिम मंजूरी
इंदौर में आज होने जा रहे अरिजीत सिंह के मेगा कॉन्सर्ट को लेकर तैयारियां तो पूरी हो चुकी हैं, लेकिन एक बड़ा पेंच अब भी फंसा हुआ है – शराब बिक्री को लेकर। आयोजकों ने पूरे कॉन्सर्ट परिसर में शराब परोसने की अनुमति मांगी है, जबकि अब तक ऐसे आयोजनों में यह सुविधा केवल वीवीआईपी लाउंज तक ही सीमित रहती है।
अब तक क्या हुआ?
•नगर निगम ने फायर एनओसी और अन्य अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) दे दिए हैं।
•पुलिस की फाइल तो तैयार हो चुकी है, लेकिन वह अब तक आबकारी विभाग तक नहीं पहुंची।
•आयोजक पिछले 15 दिनों से शराब बिक्री की मंजूरी के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
मुद्दा क्या है?
•आयोजक पूरे परिसर में शराब परोसने की अनुमति चाहते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा रेवेन्यू मिलेगा।
•यदि मंजूरी केवल वीवीआईपी लाउंज तक सीमित रही, तो उनकी योजना प्रभावित हो सकती है।
•पूरे परिसर के लिए एक दिन की लिकर लाइसेंस फीस करीब ₹2 लाख बनती है।
स्थिति अभी क्या है?
•शुक्रवार रात तक पुलिस और आयोजकों के बीच इस मुद्दे पर लंबी बातचीत हुई, लेकिन निर्णय नहीं हो पाया।
•अब आबकारी विभाग शनिवार यानी आज के दिन अंतिम मंजूरी जारी करेगा।
इसका मतलब यह है कि शो की शुरुआत से पहले आयोजकों की नजर इस मंजूरी पर टिकी हुई है। अगर पूरे परिसर के लिए शराब की अनुमति नहीं मिली, तो शायद आयोजकों को अपनी व्यवस्था में बदलाव करना पड़ सकता है।