विले पार्ले के ऐतिहासिक जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण पर बवाल, दीपक जैन ने CM फडणवीस से की तत्काल हस्तक्षेप की मांग

मुंबई के विले पार्ले इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक और अत्यंत प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर को हाल ही में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा अचानक ध्वस्त कर दिया गया, जिससे पूरे जैन समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। मंदिर का यह ध्वस्तीकरण उस समय किया गया जब मामला न्यायालय में विचाराधीन था और मौखिक स्थगन आदेश भी मौजूद था।

न्यायिक प्रक्रिया और धार्मिक भावनाओं की अनदेखी

इस कार्रवाई को न केवल न्यायिक प्रक्रिया की अनदेखी माना जा रहा है, बल्कि इसे जैन समाज की धार्मिक आस्था पर सीधा प्रहार भी बताया गया है। मंदिर के साथ-साथ वहां रखी धार्मिक पुस्तकें और पूजन सामग्री भी क्षतिग्रस्त की गईं, जिससे समाज में गहरी पीड़ा और असंतोष व्याप्त है।

जैन समाज सड़कों पर, देशभर में आक्रोश

इस घटना के विरोध में मुंबई से लेकर देश के अन्य हिस्सों तक जैन समाज द्वारा रैलियां और प्रदर्शन किए जा रहे हैं। विशेष रूप से विले पार्ले से अंधेरी पूर्व तक निकाली गई विशाल रैली ने इस मुद्दे की संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। समाज के लोग न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने को विवश हो गए हैं।

दीपक जैन ‘टीनू’ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

जैन समाज के प्रमुख प्रतिनिधि और भारतीय जनता पार्टी, मध्यप्रदेश के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन ‘टीनू’ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक गंभीर पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इस घटना को न केवल धार्मिक आस्था पर हमला बताया, बल्कि इसे सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरनाक करार दिया।

चार अहम मांगें रखीं गईं मुख्यमंत्री के सामने

  • बीएमसी की इस अनुचित कार्यवाही की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
  • धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
  • मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए बीएमसी को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं, जिससे समाज की आस्था को पुनः स्थापित किया जा सके।
  • भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए सभी नगर निकायों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

शांति का प्रतीक, लेकिन आहत आत्माएं

दीपक जैन ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि जैन समाज ने सदैव देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि में शांतिपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे समाज की आस्था पर चोट न सिर्फ एक धार्मिक मामला है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द पर भी सीधा असर डालता है।

प्रतिलिपि महामहिम राज्यपाल को भी भेजी गई

दीपक जैन द्वारा भेजे गए इस पत्र की प्रतिलिपि महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल को भी भेजी गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि समाज इस मामले को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता करने के मूड में नहीं है।