प्रॉपर्टी का डब्बा गोल, पार्ट-44: गरीबों को plot तो दिए, लेकिन रास्ता नहीं


राजेश राठौर
EXCLUSIVE

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौरी कलाकार भू-माफियाओं ने सरकारी अनुमतियां लेने के लिए कालोनी में कमजोर आय वर्ग के लिए चार सौ, छह सौ फिट के प्लाट ( plot ) तो काट दिए, लेकिन उन प्लाट तक जाने का रास्ता नहीं बनाया। अकेले इंदौर जिले में भू-माफियाओं की इस कारस्तानी के कारण पचास हजार से ज्यादा गरीब लोग अपने प्लाट पर मकान नहीं बना पा रहे हैं।

भूमाफिया ने रेट बढ़ने पर plot दूसरों को बेच दिए

सरकार का नियम है कि हर कालोनाइजर को अपनी कालोनी में कुछ प्लाट ( plot ) गरीबों के लिए आरक्षित रखना होंगे। इस नियम में सरकार कई बार फेरबदल भू-माफियाओं के कहने पर करती रहती है। कभी- कभी यह नियम भी आ जाता है कि प्लाट की बजाय उसकी कीमत का पैसा सरकारी खजाने में जमा कर दें। जब ये गरीबों को प्लाट देने का नियम था, उस समय इंदौर की लगभग पांच सौ कालोनियों में पचास हजार से अधिक गरीबों को प्लाट दिए गए। भू-माफियाओं ने यहां भी एक कलाकारी की। कई प्लाट तो अपने ड्रायवर और नौकर के नाम पर रजिस्ट्रियां कर दीं। बाद में कालोनी का रेट बढऩे पर दूसरों को प्लाट बेच दिए। इसके अलावा जिन गरीबों को प्लाट मिले वहां तक जाने का रास्ता भी कालोनाइजर ने नहीं बनाया। इस कारण लोग परेशान हैं। इस मामले में भी कई बार जिला प्रशासन को शिकायतें मिल चुकी हैं लेकिन कालोनाइजरों पर अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मंदी के दौर में तो अब कालोनाइजर रास्ता बनाने के लिए तैयार बिल्कुल नहीं हैं।