जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा: CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा है कि प्रदेश में चल रहे तीन माह अवधि के जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और उनकी देखरेख के कार्यों में नागरिकों की भागीदारी और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर अच्छे परिणाम सामने लाएं। शासन स्तर पर अभियान की निरंतर समीक्षा की जा रही है और डैश बोर्ड पर ग्राम एवं नगर स्तर के कार्यों को दर्ज करने का कार्य भी किया जा रहा है। श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में अभियान की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1.06 लाख जल दूत तैयार किए गए हैं, जो जल स्रोतों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 30 मार्च से प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक चलना है।

CM Mohan Yadav जिलों में देखेंगे कार्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ( CM Mohan Yadav ) ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास विभागों सहित मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के स्तर पर अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए। जिला कलेक्टर्स भी बैठक से वर्चुअल रूप से जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्य देखने विभिन्न जिलों में जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण जल संरचनाओं की सूची तैयार की जाए। पुरातत्व और पर्यटन महत्व की ऐसी धरोहर को सहेजने की दृष्टि से संरक्षण गतिविधियों से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि भोपाल के साथ ही जबलपुर, सागर, उज्जैन नगरों में अनेक प्राचीन बावडिय़ां विद्यमान हैं, वहां स्वच्छता के कार्य संचालित किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभागवार अभियान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

कलेक्टर्स से रुबरु हुए डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स से अभियान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की। भोपाल जिले में कलियासोत से कार्य प्रारंभ किया गया है। साथ ही बैरसिया में प्राचीन जल स्रोतों को स्वच्छ बनाया जा रहा है। रायसेन कलेक्टर ने बताया कि भोपाल शहर के नजदीक स्थित बेतवा नदी के उद्गम स्थल ग्राम झिरी में बोरी बंधान निर्माण के कार्य हो रहे हैं। टीकमगढ़ कलेक्टर ने बताया कि 70 प्राचीन तालाबों और 10 बावडिय़ों के निकट क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें स्वच्छ और सुंदर बनाने का कार्य हो रहा है। शहडोल में तातापानी से गर्म जल की उपलब्धता के नाते यह विशेष स्थान माना जाता है। ऐसे स्रोतों को सहेजने का कार्य हो रहा है। सागर में पुरानी संरचनाओं को राजस्व रिकार्ड में लिया गया है। नदियों को पुनर्जीवित करने के कार्य भी किए जा रहे हैं। ग्वालियर में व्यापारी संघ ने सार्वजनिक प्याऊ के लिए मटकों और चील्ड कूलर की व्यवस्था की है। उपार्जन केंद्रों पर पानी के साथ शरबत और छांछ की व्यवस्था की जा रही है। राजगढ़ में मोहनपुरा क्षेत्र में इजराइल पद्धति से पानी के उपयोग और उज्जैन में गयाकोठा, बावनकुंड के साथ ही पंचक्रोशी यात्रा के मार्ग में अभियान के तहत हो रहे कार्यों की जानकारी दी गई।