भारतीय Share Market में पिछले कुछ समय से लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। कभी बाजार धीमा होता है तो कभी अचानक तेज़ी का रुख दिखाता है। हालांकि, इन सभी बदलावों के बावजूद निवेशकों का विश्वास भारतीय शेयर बाजार पर बना हुआ है।
इस वित्तीय वर्ष (2024-25) में भारतीय कैपिटल मार्केट ने खुदरा निवेशकों की भागीदारी के मामले में एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। इस दौरान, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 84 लाख से ज्यादा नए सक्रिय डीमैट अकाउंट्स जोड़े गए, जो साल दर साल 20.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
डीमैट अकाउंट्स में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक, एनएसई पर सक्रिय डीमैट खातों की कुल संख्या बढ़कर 4.92 करोड़ हो गई। यह वृद्धि न सिर्फ भारतीय शेयर बाजार की मजबूती का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश करना जारी रखे हुए हैं। इस बढ़ोतरी का प्रमुख योगदान दो डिजिटल ब्रोकरेज कंपनियों, ग्रो और एंजल वन द्वारा हासिल किया गया। इन दोनों कंपनियों ने मिलकर कुल शुद्ध वृद्धि का 57 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लिया।
ग्रो: डिजिटल निवेशकों का नया प्लेटफॉर्म
ग्रो एक प्रमुख डिजिटल ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, जिसके जरिए सबसे ज्यादा निवेशक शेयर बाजार से जुड़े हैं। पिछले वर्ष, ग्रो के माध्यम से करीब 34 लाख नए निवेशक डीमैट अकाउंट्स खोलने में सफल रहे, जिससे NSE की कुल वृद्धि में 40 प्रतिशत का योगदान हुआ। इस दौरान, ग्रो का सक्रिय ग्राहक आधार मार्च 2024 में 95 लाख से बढ़कर मार्च 2025 तक 1.29 करोड़ तक पहुँच गया। वहीं, ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 23.28 प्रतिशत से बढ़कर 26.26 प्रतिशत हो गई है।
एंजल वन: निवेशकों का बढ़ता विश्वास
एंजल वन भी ग्रो के बाद दूसरे स्थान पर रही है, जहाँ से बड़ी संख्या में निवेशक जुड़े हैं। इस ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14.6 लाख नए डीमैट अकाउंट्स जोड़े, जो NSE की कुल वृद्धि में 17.38 प्रतिशत का योगदान देता है। इस अवधि में, एंजल वन की बाजार हिस्सेदारी 15.38 प्रतिशत रही।
जीरोधा और एचडीएफसी सिक्योरिटीज का भी योगदान
इसमें भी जीरोधा ने वित्त वर्ष 2024-25 में 5.8 लाख नए डीमैट अकाउंट्स जोड़े, और इसने NSE की कुल वृद्धि में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान दिया। इस समय तक, जीरोधा की बाजार हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। वहीं, एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने 36.78 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की, जिसके बाद उसका ग्राहक आधार 14.9 लाख के करीब पहुँच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज की बाजार हिस्सेदारी 3 प्रतिशत रही।
निवेशकों का विश्वास और भारतीय शेयर बाजार का भविष्य
इन आंकड़ों से साफ है कि भारतीय निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद लंबी अवधि के लिए निवेश पर भरोसा बनाए हुए हैं। डिजिटल ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स का उभार निवेशकों को अधिक सुलभ और पारदर्शी तरीके से निवेश करने का मौका दे रहा है, जिससे आने वाले समय में शेयर बाजार में निवेश का रुझान और बढ़ सकता है।