इंदौर नगर निगम बना रहा ग्रीन फ्यूल, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा  

शहर में स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में एक अहम पहल करते हुए नगर निगम ने ग्रीन फ्यूल निर्माण का फैसला लिया है। यह योजना पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक अनूठा और अभिनव प्रयास मानी जा रही है।
निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने हाल ही में सिटी फॉरेस्ट का दौरा कर प्लांट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजना की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि यह पहल शहर को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

7 करोड़ की लागत से बनेगा प्लांट
नगर निगम द्वारा सिटी फॉरेस्ट क्षेत्र में एक अत्याधुनिक ग्रीन फ्यूल प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी लागत लगभग ₹7 करोड़ आंकी गई है। यह परियोजना पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत संचालित की जाएगी, जिससे नगर निगम को दीर्घकालिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
ऐसे बनेगा ग्रीन फ्यूल
इस प्लांट में शहर भर से निकलने वाले ग्रीन वेस्ट — जैसे पेड़-पौधों की कटाई, पत्ते, घास आदि — को विशेष प्रोसेसिंग तकनीक के माध्यम से पाउडर फॉर्म में बदला जाएगा। इसके बाद इस पाउडर को प्रेस कर पैलेट (pellet) का रूप दिया जाएगा, जो कोयले के विकल्प के रूप में ऊर्जा उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस तकनीक के माध्यम से न केवल अपशिष्ट का बेहतर प्रबंधन होगा, बल्कि प्रदूषण को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा।

नगर निगम को मिलेगी रॉयल्टी
इस परियोजना से आर्थिक लाभ भी जुड़े हैं। प्लांट द्वारा निर्मित ग्रीन फ्यूल की बिक्री से निगम को ₹3 प्रति किलो की दर से रॉयल्टी प्राप्त होगी, जिससे राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे निगम को स्वच्छता और पर्यावरणीय परियोजनाओं में और निवेश करने की सुविधा मिलेगी।