“दर्द बांटने पहुंचे राहुल गांधी,  आतंक के खिलाफ एकजुट हुआ हिंदुस्तान!”

पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद देश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के मुखिया राहुल गांधी ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद वह सीधे जम्मु-कश्मीर पहुंचे है। इसके बाद राहुल गांधी ने पहलगाम हमले के पीड़ितों से मुलाकात की राहुल गांधी का यह दौरा पूरी तरह से संवेदनशील और भावनात्मक है। यहां उन्होने ना सिर्फ पीड़ितों से मुलाकात की, बल्कि घाटी में शांति और एकजुटता का संदेश भी दिया। उन्होने कहा  कि मैंने पीड़ितों से मुलाकात की है।  कश्मीरी देश के साथ है। इसके साथ ही उन्होने जम्मु-कश्मीर मुख्यमंत्री से राज्य के हालात की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होने आंतकवाद की निंदा की। राहुल गांधी ने कहा कि- “आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।, सरकार जो कदम उठाएगी हम उसके साथ है पूरा देश पीड़ितों के साथ है। इस दौरान उन्होने एलजी से मुलाकात की बता दें कि आतंक वाद के खिलाफ सभी दलों ने एकजुटता दिखाई

देश के बड़े नेताओं की तात्कालिक प्रतिक्रिया
इस हमले ने न सिर्फ जनता को झकझोर कर रख दिया, बल्कि देश के शीर्ष नेतृत्व को भी अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं बीच में छोड़ने पर मजबूर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका का दौरा रद्द कर तुरंत भारत वापसी की। केंद्र सरकार ने हमले के तुरंत बाद एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कठोर कदम उठाने पर चर्चा हुई।

पाकिस्तान पर बड़ा प्रहार
हमले के जवाब में भारत ने अब तक की सबसे सख्त प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा,  जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता। इसके अलावा अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों को ‘अवांछित’ घोषित कर एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही, एसवीईएस यानी सार्क वीजा छूट योजना के तहत सभी पाकिस्तानी वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं।

देश की नजरें अब कश्मीर पर
राहुल गांधी का यह दौरा न सिर्फ एक संवेदनशील राजनेता की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि इस बात की भी पुष्टि करता है कि देश का नेतृत्व आतंक के खिलाफ एकजुट और सख्त रुख अपना रहा है। आज पूरा देश कश्मीर की ओर देख रहा है—जहां से शोक, साहस और एक नई शुरुआत की उम्मीदें जुड़ी हैं।