तकनीक की दुनिया में मध्यप्रदेश अब बड़े सपने देख ही नहीं रहा, उन्हें साकार करने की तैयारी में भी जुट गया है! मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच और मजबूत नेतृत्व में राज्य सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट इंडस्ट्री का नया पावरहाउस बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
“एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” में आज ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में आयोजित राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस-4 का माहौल एकदम ऊर्जा से भरपूर रहा। इस कॉन्फ्रेंस का थीम था – “मध्यप्रदेश: सेमीकंडक्टर और ईएसडीएम के लिए अगला गंतव्य”। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने राज्य की सेमीकंडक्टर नीति और निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं का ज़िक्र करते हुए कहा, “मध्यप्रदेश न केवल रणनीतिक रूप से भारत के दिल में है, बल्कि अब तकनीकी नवाचारों के केंद्र में भी आ रहा है।”
उद्योगजगत की दिग्गज हस्तियों ने दिए सुझाव
आईबीएम इंडिया के डॉ. मणि मधुकर, केदारा के एमडी अभिषेक कुमार और एमपीएसईडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुरु प्रसाद – ने राज्य की नीति की सराहना की और महत्वपूर्ण सुझाव दिए। दुबे ने यह भी बताया कि कैसे इंदौर और भोपाल जैसे टियर-2 शहर अब तकनीकी हब बनने की रेस में हैं। राज्य सरकार सेमीकंडक्टर कंपोनेंट निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट डेवलपमेंट और चिप डिजाइन जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों को खास सुविधाएं दे रही है – चाहे वो फाइनेंशियल इंसेंटिव हों या इन्फ्रास्ट्रक्चर।
इनोवेशन को हर स्तर पर बढ़ावा
आईटी पार्क, EMC, SEZ और स्ट्रॉन्ग स्टार्टअप इकोसिस्टम के जरिये इनोवेशन को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। निवेशकों ने भी एक सुर में कहा कि “मध्यप्रदेश की सेमीकंडक्टर नीति-2025 वास्तव में गेम चेंजर है!” अब देखना यह है कि यह तकनीकी यात्रा कहाँ तक पहुँचती है – लेकिन इतना तय है कि मध्यप्रदेश अब केवल कृषि राज्य नहीं, बल्कि डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक सुपरस्टेट बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है!