Rafale Jet Deal India: पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच, सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच राफेल एम (रफाल) मरीन फाइटर जेट्स की डील बेहद अहम मानी जा रही है। यह सौदा करीब 63 हजार करोड़ रुपये का है, जो भारतीय वायुसेना और नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगा। नए विमानों की आपूर्ति के बाद भारत के पास राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी, जिससे देश की सामरिक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा और सीमाई सुरक्षा और भी मजबूत हो सकेगी।
पहले यह तय किया गया था कि इस सौदे पर फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन हाल ही में हुए पहलगाम नरसंहार के चलते उन्होंने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। हालांकि, इस घटना के बावजूद सौदा टलने की संभावना नहीं है। अब यह तय किया गया है कि फ्रांस के दिल्ली स्थित राजदूत भारत की ओर से इस महत्वपूर्ण डील पर हस्ताक्षर करेंगे, ताकि प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके और भारत को जल्द नए राफेल एम फाइटर जेट्स मिल सकें।
राफेल एम फाइटर जेट्स के सौदे पर सोमवार को आधिकारिक रूप से मुहर लगेगी। इस सौदे के तहत भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन वर्जन विमानों का समझौता किया जाएगा। फ्रांस के दिल्ली स्थित राजदूत और भारत के रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस डील पर हस्ताक्षर करेंगे। गौरतलब है कि इस महीने की 9 तारीख को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस सौदे को मंजूरी दी थी, जिससे यह रास्ता साफ हुआ था कि भारत की सैन्य ताकत में बड़ा इजाफा होने जा रहा है।
राफेल (एम) जेट्स का निर्माण फ्रांस की एविएशन कंपनी दासो करती है, और इन विमानों की डील भी वायुसेना के 36 राफेल विमानों की तरह “इंटरगवर्नमेंटल डील” (IGI) के तहत होगी, यानी यह सौदा दोनों देशों की सरकारों के बीच सीधे समझौते के जरिए संपन्न होगा। नौसेना के लिए खरीदे जाने वाले 26 राफेल विमानों में से 22 सिंगल-सीटर फाइटर जेट्स होंगे, जबकि चार ट्विन-सीटर ट्रेनिंग जेट्स होंगे। इन ट्रेनिंग जेट्स को आवश्यकता पड़ने पर फाइटर जेट्स के रूप में भी तैनात किया जा सकता है, जिससे संचालन में लचीलापन और तैयारियों में मजबूती आएगी।