अहमदाबाद में बांग्लादेशी बस्ती पर चला बुलडोजर, 800 से अधिक संदिग्ध गिरफ्तार

अहमदाबाद में पहलगाम हमले के बाद राज्य देश के सभी राज्यो में  संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी के चलते अहमदाबाद में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया। पुलिस ने चंदोला झील के पास बनी अवैध बांग्लादेशी बस्ती पर धावा बोल दिया। यह ऑपरेशन किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था—आसमान में उड़ते ड्रोन, गूंजते सायरन, और ज़मीन पर गरजते बुलडोजर, मानो पूरा इलाका युद्ध का मैदान बन गया हो। फिर जो हुआ उसने सभी का ध्यान खींच लिया।

बिजली गुल,
बस्ती ढेर!कार्रवाई की शुरुआत हुई बिजली काटने से हुई जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। फिर 50 से ज्यादा जेसीबी और 30 डंपर भारी लावलश्कर के साथ पहुंचे। पुलिस के करीब 2000 जवानों ने पूरे इलाके को घेर लिया। देखते ही देखते झुग्गियां ज़मींदोज़ कर दी गईं। करीब 800 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 143 की पहचान बांग्लादेशी नागरिकों के रूप में की गई है।

ड्रोन की चौकसी, फार्महाउस पर धावा
पुलिस ने 10 से ज्यादा ड्रोन तैनात कर पूरे इलाके की निगरानी की। जैसे ही ऑपरेशन तेज हुआ, पुलिस ने लल्ला बिहारी के फार्महाउस का दरवाज़ा तोड़ा और एमएमसी की टीम ने हथौड़ों से ढांचे को ढहा दिया। चारों तरफ मलबा, चीख-पुकार और अफरा-तफरी के बीच पुलिस ने पूरी बस्ती को खाली करवा दिया।

2009 में भी गिराई गई थी बस्ती
ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने बताया कि यह बस्ती पहले भी 2009 में हटाई गई थी, लेकिन कुछ समय बाद फिर से अवैध कब्जा कर लिया गया। हाल ही में AMC के सर्वे में सामने आया कि तालाब की सरकारी ज़मीन पर फिर से बांग्लादेशी शरणार्थियों ने कब्जा कर झोपड़ियां बना ली थीं।

सुपर एक्शन में पुलिस की 5 टीमें
28 अप्रैल की सुबह से शुरू हुआ यह अभियान केवल चंदोला झील तक सीमित नहीं रहा। शाह आलम, सियासतनगर, नवाबनगर और फूलगिरी छतों के आसपास भी अवैध बस्तियों को लेकर पुलिस सतर्क हो गई है। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच, एसओजी, साइबर क्राइम और एसआरपी की टीमें भी शामिल थीं, जो लगातार निगरानी कर रही हैं।