जहाँ अक्षय तृतीया को सुख, समृद्धि और शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है, वहीं कृष्णा मिश्रा ‘गुरुजी’ ने इस पावन अवसर को एक नई परंपरा में ढालते हुए इसे मानव सेवा से जोड़ दिया। इंदौर के एमटीएच अस्पताल में आयोजित ‘प्रसव दिवस’के पाँचवें वर्षगांठ पर गुरुजी ने नवजात शिशुओं के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और मातृत्व का गौरव प्राप्त कर चुकी माताओं को बेबी किट व पोषणयुक्त ड्राय फ्रूट लड्डू भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
भगवान अवतारी होते, नवजीवन में दिव्यता झलकती
इस भावनात्मक पहल के दौरान गुरुजी ने कहा,“भगवान अवतारी होते हैं, पर आज इन नवजीवनों में वही दिव्यता झलकती है। हर शिशु समाज में नई रोशनी लेकर आता है, और उसे जन्म के साथ ही अपनापन मिलना चाहिए।”
कार्यक्रम में एमटीएच अस्पताल का स्टाफ भी विशेष रूप से शामिल रहा। डॉ. सुमित शुक्ला ने कहा,“हर वर्ष गुरुजी के साथ जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य है। यह प्रयास त्योहारों को सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना से भी जोड़ता है।”वहीं पहली बार इस आयोजन में सम्मिलित हुईं डॉ. सुमित्रा यादव ने कहा,“गुरुजी की सोच को प्रणाम – यह अनुकरणीय पहल है। माताओं की शारीरिक और मानसिक ज़रूरतों को इस प्रकार सम्मान देना समाज में सेवा की नई परिभाषा रचता है।”
कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसायटी का आयोजन
इस आयोजन को कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा सम्पन्न किया गया, जिसमें सेवा, संवेदना और सनातन संस्कृति के मूल्यों का सुंदर संगम देखने को मिला। डॉ. सुमित शुक्ला, संस्था के अनिल कुमार भारती, मंडलोई और आकाश नागर जैसे सेवाभावी लोग भी इस भावपूर्ण क्षण के साक्षी बने। इस विशेष दिन पर अस्पताल के हर कोने में एक सजीव ऊर्जा थी – जहाँ माँओं की मुस्कान और नवजातों की किलकारियाँ, सेवा के इस पवित्र पर्व को एक आध्यात्मिक उत्सव में बदल रही थीं।