PMO पहुंचे PM मोदी, 5 लगातार बैठकों के बाद वॉर रूम में हो सकती है अहम चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद त्वरित और कठोर निर्णय लेने के लिए पांच अहम बैठकें कीं। इन बैठकों में सुरक्षा मामलों की समीक्षा और देश की सुरक्षा नीति पर चर्चा की गई। इस दौर के बाद, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में जाकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विशेष चर्चा करने का निर्णय लिया, जहां वह वॉर रूम में अहम फैसलों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।

सीसीएस और सीसीपीए की बैठकें

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अन्य बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति का आकलन करना था। पीएम मोदी ने पहले ही सुरक्षाबलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी है कि वे अपनी कार्रवाई के “तरीका, लक्ष्य और समय” खुद तय करें। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम भारत की राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है। इसी संदर्भ में, 22 अप्रैल को हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए थे। इनमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द करने और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करने जैसे निर्णय शामिल थे।

सिंधु जल समझौते पर महत्वपूर्ण बैठक

आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रणनीति को और कड़ा किया है। इसी के तहत, सिंधु जल समझौते को लेकर आज एक और अहम बैठक होनी है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री की उपस्थिति में अधिकारियों के बीच चर्चा की जाएगी। यह बैठक उस निर्णय के बाद हो रही है जिसमें भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने की घोषणा की थी।