राजेश राठौर
exclusive
स्वतंत्र समय, इंदौर
प्रापर्टी ( Property ) की मंदी ने लोगों की पूरी तरह से कमर तोड़ दी है। इंदौर में कई लोग ‘चेन सिस्टम बिजनेस’ के तरीके से प्लाट बेचने का धंधा करते थे, अब ये काम करने वाली कंपनियों के दफ़्तर खाली हो गये हैं।
Property के रेट गिरने से निकाल रहे कर्मचारियों को
बड़े पैमाने पर ऐसे ग्रुप और कंपनियां बन गईं थीं, जो अपने यहां सौ-डेढ़ सौ कर्मचारियों को रखकर कालोनाइजर प्लाट बिकवाने की गांरटी ले लेते थे। ऐसे ग्रुप कालोनाइजर से दो-तीन प्रतिशत की बजाय पांच से दस प्रतिशत की दलाली लेते थे। ग्रुप के कर्मचारी लोगों को ‘इन्वेस्टमेंट के फर्जी फायदे’ बताकर लोगों को प्लाट टिका देते थे। चेन सिस्टम में कंपनी के कर्मचारी लोगों को यह भी झांसा देते थे कि यदि कोई व्यक्ति खुद प्लाट खरीदने के बाद, दूसरे को प्लाट भी बिकवा देगा तो उसको भी दलाली मिलेगी। इस तरह से एक व्यक्ति सबसे पहले मूर्ख बनता था, उसके बाद दूसरा-तीसरा, चौथा, पांचवा और ये सिलसिला आगे बढ़ता जाता था। कई कालोनाइजर तो ऐसे जादूगर थे जो अपनी फर्ज़ी प्रापर्टी बेचने के लिए लोगों को पचास से सौ रूपये स्क्वेयर फिट तक दलाली दे देते थे। अब मामला बिगड़ गया है, प्रापर्टी ( Property ) के भाव गर्त में जाने के कारण ऐसी कंपनियां और ग्रुप वाले अपने कर्मचारियों को बाहर निकालते जा रहे हैं। कुछ ग्रुप वालों ने तो अपने पुराने कर्मचारियों की ‘तनख्वाह’ भी रोक ली। ‘दैनिक स्वतंत्र समय’ अखबार की लोगों से अपील है कि कृपया करके किसी भी चेन सिस्टम वाले ग्रुप या कंपनी से प्लाट नहीं खरीदें नहीं तो बाद में पछतावा होगा…बाकी आप जानें।