22 अप्रैल को पहलगाम में हुए खूनी आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 22 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, और अब भारत ने साफ कर दिया है—दोषी नहीं बचेंगे! देश का रुख अब बेहद आक्रामक हो गया है और कूटनीतिक मोर्चे पर भी तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है।
हमलें के दोषियों को देंगे सजा
इस बीच, आधी रात अमेरिका से आया एक अहम कॉल। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बात की और इस नृशंस हमले पर गहरा शोक जताया। लेकिन बातचीत यहीं खत्म नहीं हुई। जयशंकर ने दो टूक कह दिया, “हम इस हमले के दोषियों, उनके मददगारों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे।”
इसके कुछ ही घंटों बाद जयशंकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस बातचीत की पुष्टि की और साफ किया कि भारत किसी भी कीमत पर हमले के पीछे के “सीमापार संबंधों” को नजरअंदाज नहीं करेगा। भारत की मंशा अब बिल्कुल स्पष्ट है कि चाहे आतंकी कहीं भी हों, उन पर कार्रवाई तय है।
अमेरिका ने पाकिस्तान को लगाई फटकार
अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने न सिर्फ भारत से बात की, बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी संपर्क किया। उन्होंने पाकिस्तान से मांग की कि वह इस हमले की ईमानदारी से जांच करे और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करे। साथ ही उन्होंने दोनों देशों से तनाव कम करने और शांति बनाए रखने की अपील की।
ट्रंप भी मैदान में उतरे, पीएम से की बात
पहलगाम हमले के तुरंत बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया। उन्होंने हमले पर दुख जताते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका उसके साथ खड़ा है और हर संभव मदद देने को तैयार है।”
पाकिस्तान को भारत की चेतावनी
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को वापस लौटने की सलाह दी है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की तैयारी में है। भारत अब एक कड़ा संदेश दे चुका है। अगर सीमा पार से हमला होगा, तो जवाब भी उसी तीव्रता से मिलेगा।