आखिर क्या थी वजह, नरेंद्र सलूजा ने क्यों छोड़ी कांग्रेस….

मध्यप्रदेश के भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के आक्समिक निधन से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश की राजनीति में शोक का माहौल है। नरेंद्र सलूजा के निधन पर दोनो पार्टियो के नेताओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर श्रद्धांजलि दी। आपको बतादे कि नरेंद्र सलूजा ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल भाजपा और कांग्रेस में अपना एक दमदार वर्चस्व कायम रखा, बल्कि उन्होने अपने सिख समाज में भी अपनी छवि दमदार रखी।

सिख होने के नाते उन्होने अपने समाज में भी बड़ी सादगीपूर्ण अंदाज से सक्रिय भूमिका निभाई। वे एक ऐसे प्रखर प्रवक्ता थे, जिन्होने अपने हर राजनीतिक मुद्दे पर अपनी बात निडरता से रखी। वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिवेट थे। जब नरेंद्र सलूजा कांग्रेस में थे, तब वे पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक रहे। अपने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान वे बड़े बेबाकी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए बड़े-बड़े राजनेताओ को ट्वीट किया करते थे।

चलिए आज आपको बताते है आखिर ऐसी क्या वजह रही है जो उन्होने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा…………..

नरेंद्र सलूजा कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए काफी करीबी मीडिया सलाहकार भी रहे है। आपको बतादे कि 25 नवंबर 2022 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नरेंद्र सलूजा ने पूर्व सीएम कमलनाथ से नाराजगी के चलते कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। लेकिन जब उन्होने कांग्रेस छोड़ी थी तब वे कमलनाथ के हमलावर माने जा रहे थे।

उन्होने ये तक कह दिया था कि कांग्रेस छोड़ने की वजह कमलनाथ ही है। नवंबर 2022 में नरेंद्र सलूजा ने एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और वन मंत्री विजय शाह की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली। इस दौरान सलूजा ने कहा था कि उन्होने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि उनकी अंतरात्मा ने उन्हे एक ऐसे व्यक्ति (कमलनाथ) के साथ काम करने की अनुमति नहीं दी, जो दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगो में सक्रिय रूप से शामिल था। सलूजा ने बीजेपी का दामन थामते हुए ऐसा बयान दिया था।

वीडी शर्मा से थे प्रभावित……

इसके साथ ही नरेंद्र सलूजा ने मीडिया को संबोधित करते हुए वीडी शर्मा से प्रभावित होकर कहा था कि – जो जनता के बीच काफी सहजता से उपलब्ध होते है, वीडी शर्मा जी में अद्भूत क्षमता है। मैं उनकी इस क्षमता से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले रहा हूं। मेरी पार्टी छोड़ने की वजह यही है कि मैं ऐसे नेता के साथ पार्टी में नहीं काम कर सकता, जिसके ऊपर मेरे धर्म के लोगो की हत्या का आरोप हो।

उन्होने मीडिया को संबोधित करते हुए ये भी कहा था कि जिस प्रकार पूर्व ऑफिसर की किताब सामने आई, जिसमें उन्होने स्वीकारा कि उस समय कमलनाथ जी वहां मौजुद थे, तो मैं ऐसे व्यक्ति के साथ कभी राजनीति नहीं करूंगा। मैं ऐसी राजनीति और ऐसी पार्टी और ऐसे नेताओ को ठोकर मारकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करता हूं।