इंदौर की पुण्यभूमि इन दिनों धर्म, साधना और सेवा के एक अद्वितीय संगम की साक्षी बन गई है, जब सारे भारतवर्ष के दिगंबर जैन श्रद्धालुओं ने “पट्टाचार्य महोत्सव 2025” को यहां पर ऐतिहासिक बना दिया। चार दिवसीय इस अलौकिक आध्यात्मिक यात्रा में चार से पाँच लाख श्रद्धालुओं की अपार आस्था उमड़ पड़ी, यहीं जब आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को सर्वोच्च उपाधि “पट्टाचार्य” प्रदान की गई। यह केवल एक धार्मिक समारोह नहीं था, यह था संयम, सेवा और सामाजिक एकता का महापर्व, जिसमें हर क्षण आध्यात्मिक ऊर्जा स्पंदित हो रही थी।
JITO Apex ने बनाया गौरवशाली
इस पावन अवसर को और भी गौरवशाली बनाया JITO Apex के चेयरमेन पृथ्वीराज कोठारी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने जिसमें शामिल थे। ललीत डांगी, कमलेश सोजतिया, हितेन्द्र मेहता, जयसिंह जैन, नितिन जैन (श्रीधी) सहित अन्य पदाधिकारी जब आचार्य श्री के समक्ष उपस्थित हुए, तो उन्होंने JITO के विविध सेवा प्रकल्पों की विस्तार से जानकारी दी जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला-युवा सशक्तिकरण और उद्यमिता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को सुनकर आचार्य श्री ने प्रसन्नता व्यक्त की और हृदय से मंगल आशीर्वाद प्रदान किए।
सामूहिक साधना की दिशा में एक सशक्त कदम
विशेष उल्लेखनीय रहा 9 अप्रैल को JITO द्वारा आयोजित “नवकार मंत्र महायज्ञ”, जिसकी आचार्य श्री ने मुक्तकंठ से सराहना करते हुए इसे एक उत्कृष्ट आध्यात्मिक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन समाज को आत्मबल देता है और सामूहिक साधना की दिशा में एक सशक्त कदम है। मुख्य आयोजक मनीष सपना गोधा जी को भी आचार्य श्री ने विशेष रूप से बधाई दी जिन्होने आयोजन की गरिमा, अनुशासन और श्रद्धा पूर्ण वातावरण की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
युवाओं के उत्साह को एक नई ऊर्जा
महोत्सव की भव्यता में चार चाँद लगाए JITO लेडीज़ विंग की प्रियंका जैन, जिन्होंने महिला नेतृत्व की शक्ति को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया, वहीं JITO Youth Wing के प्रतीक सूर्या और इंदौर चेप्टर के अध्यक्ष विमल घोड़वात की सक्रिय उपस्थिति ने युवाओं के उत्साह को एक नई ऊर्जा दी। इस ऐतिहासिक आयोजन के पूर्ण संयोजन का श्रेय शैलेश अंबोर को जाता है, जिन्होंने सेवा, समर्पण और संगठित नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
अगली पीढी करेगी आत्मसात
पट्टाचार्य महोत्सव 2025 एक ऐसा अध्याय बन गया है जिसे आने वाली पीढ़ियाँ केवल पढ़ेंगी ही नहीं बल्कि श्रद्धा से आत्मसात करेंगी यह आयोजन सिद्ध हुआ कि जब संयम, श्रद्धा और समाज सेवा एक मंच पर आते हैं, तो इतिहास रच जाता है।