मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित, ग्वालियर का किला भारतीय इतिहास और स्थापत्य कला का एक भव्य प्रतीक है। इस किला का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था।लाल बलुए पत्थरों से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किलों में गिना जाता है और इसका ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक महत्व गहरा है। यह किला गोपांचल नामक एक पहाड़ी पर स्थित है।इस किले की ऊँचाई लगभग 350 फीट है और यह लगभग तीन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
ग्वालियर का इतिहास
इतिहासकारों कि माने तो इस किले का निर्माण 727 ईस्वी में हुआ था। इसका निर्माण सूर्यसेन नामक एक स्थानीय सरदार ने कराया था। यह किला कई राजाओ के शासनकाल का साक्षी रहा है।यह किला राजपूत, पाल, प्रतिहार, तोमर, दिल्ली सल्तनत, मुगलों, मराठों, जाटों और अंग्रेजों जैसे अनेक शासकों के अधीन रहा।सभी वंशो ने इस पर अपनी छाप छोड़ी है।यु तो इस किले पर कई तोमर शासको ने राज किया लेकिन राजा मानसिंह सबसे ज्यादा लोकप्रिय थे। उन्होंने अपनी प्रिय रानी मृगनयनी के लिए गुजरी नामक एक महल का निर्माण करवाया था। इस किले से बाबर, हुमायूं, शेरशाह सूरी, अकबर जैसे कई मुग़ल शासकों कि कहानियां भी जुडी है ।
रानी लक्ष्मी बाई और ग्वालियर किला
इतिहासकारों के अनुसार सन् 1857 में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से युद्ध करते हुए ग्वालियर में अपने प्राण त्याग दिए थे। उनकी बहादुरी और बलिदान के सम्मान में वहां उनकी समाधि बना दी गई।
ग्वालियर किला को दो मुख्य भागों में बटा हुआ है। एक भाग मुख्य किला क्षेत्र के अनतर्गत आता हे वही दुसरे भाग मे महल परिसर। यहा के प्रमुख आकर्षण का केंद्र है ।
गूजरी महल – यह महल राजा मानसिंह द्वारा रानी मृगनयनी के लिए बनवाया गया,इस महल में आज भी दोनों के पवित्र प्रेम कि गाथाएँ गूजती है | इस महल की हर दिवारे उनके प्रेम की गवाई देती है ।
मान मंदिर महल – यह महल आर्किटेक्चर के लिए प्रशिद्ध है इसमें भव्य चित्रों के साथ जालीदार खिड़किया भी है ।
तेली का मंदिर – इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था | यह मंदिर हिंदू और द्रविड़ शिल्पकला का संगम है।हालांकि 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारतीय विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने इसे पेय पदार्थ के कारखाने और कॉफी की दुकान के रूप में इस्तेमाल किया गया । यह 30 मीटर ऊंचा है ।
ग्वालियर का किला सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि भारत की वीरता, कला और संस्कृति की जीवंत मिसाल है। यहां आकर आप इतिहास को जी सकते हैं ।उस मिट्टी को देख सकते हैं जहां कई क्रांतियों ने जन्म लिया।