मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की वर्षों से बंद पड़ी गोपालपुरा एयर स्ट्रीप को फिर से चालू करने की दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं। आगामी 2028 के उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए झाबुआ में हवाई सुविधा शुरू होने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं। जिला मुख्यालय से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर स्थित इस हवाई पट्टी के विस्तार के लिए राज्य सरकार को लगभग 52 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
वर्तमान में गोपालपुरा एयर स्ट्रीप का उपयोग केवल वीआईपी हेलीकॉप्टरों की लैंडिंग के लिए किया जाता है, क्योंकि इसका रनवे महज 792 मीटर लंबा है, जो बड़े या छोटे विमानों के लिए पर्याप्त नहीं है। नए प्रस्ताव में इस रनवे को बढ़ाकर 2600 मीटर करने की योजना है, जिससे छोटे विमान भी आसानी से यहां उतर सकें। इसके अलावा, योजना में विमान हेंगर, कंट्रोल रूम, विद्युतीकरण और बाउंड्री वॉल जैसी जरूरी आधारभूत सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है।
झाबुआ गोपालपुरा एयर स्ट्रीप का विकास: सिंहस्थ महाकुंभ को ध्यान में रखकर हो रही बड़ी तैयारी
झाबुआ जिले की 35 साल पुरानी गोपालपुरा एयर स्ट्रीप को अब पुनर्जीवित कर आधुनिक रूप देने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 1989-90 में बनी यह हवाई पट्टी अब तक सिर्फ वीआईपी मूवमेंट, खासकर हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए सीमित रही है। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने झाबुआ दौरे के दौरान उतरे थे, जिससे इसकी रणनीतिक उपयोगिता पहले ही सिद्ध हो चुकी है।
रनवे विस्तार और आधारभूत ढांचे का विकास
वर्तमान में इस एयर स्ट्रीप का रनवे केवल 792 मीटर लंबा है, जो विमानों की लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, रनवे को 2600 मीटर तक विस्तारित किया जाएगा ताकि छोटे विमानों की लैंडिंग संभव हो सके। साथ ही विमान हेंगर, कंट्रोल रूम, बिजली व्यवस्था और बाउंड्री वॉल जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा।
भूमि हस्तांतरण और वन विभाग की भूमिका
रनवे विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है, जो वर्तमान में वन विभाग के अधीन है। इसके लिए विभाग से अनुमति लेकर जमीन का हस्तांतरण प्रस्तावित है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा।
उज्जैन सिंहस्थ 2028 के लिए वैकल्पिक हवाई सुविधा
आगामी सिंहस्थ महाकुंभ 2028 को ध्यान में रखते हुए झाबुआ की एयर स्ट्रीप एक अहम वैकल्पिक हवाई सुविधा के रूप में उभर सकती है। इंदौर एयरपोर्ट पर बढ़ने वाली भीड़ को झाबुआ की ओर डायवर्ट कर यहां से सड़क मार्ग द्वारा तीर्थयात्रियों को सीधे उज्जैन पहुंचाया जा सकेगा।
पर्यटन योजनाओं से जुड़ाव
झाबुआ को पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा और धार्मिक पर्यटन हेली सेवा योजनाओं में भी शामिल किया गया है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है। इससे न केवल तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
पूर्व की असफल योजना: एविएशन ट्रेनिंग सेंटर
वर्ष 2006-07 में यहां एविएशन ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना बनी थी और इसके लिए एयर स्ट्रीप को निजी संस्थान को 10 वर्षों की लीज पर दिया गया था, लेकिन योजना पर अमल नहीं हो सका और अंततः करार समाप्त कर दिया गया।
सरकारी प्रयास और उम्मीदें
झाबुआ लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरिफ मोहम्मद गौरी के अनुसार, इस परियोजना का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और मंजूरी की उम्मीद जल्द की जा रही है। उनका कहना है कि यह परियोजना जिले में परिवहन, पर्यटन और आर्थिक विकास के नए अवसर खोलेगी।