इंदौर में ब्लैकआउट, थमा शहर, राजवाड़ा समेत कई जगहों छा गया अंधेरा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर “ऑपरेशन सिंदूर” के अंतर्गत देशभर में एकसाथ मॉक ड्रिल आयोजित की रही हैं, जिसमें मध्य प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों को भी शामिल किया गया। इन शहरों में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी का चयन किया गया, जहां मंगलवार शाम को सुरक्षा के लिहाज से एक विशेष ब्लैकआउट ड्रिल की गई।

राजवाड़ा समेत कई जगहों छा गया अंधेरा

गृह मंत्रालय की ओर से शाम तक जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार ठीक 7:30 बजे से मॉक ड्रिल शुरू की गई। निर्धारित समय पर इंदौर में बिजली बंद कर दी गई, जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। लगभग 12 से 15 मिनट तक यह ब्लैकआउट जारी रहा। इस दौरान घरों, दुकानों और वाहनों की लाइटें भी बंद कर दी गईं।

लोगों ने निभाई अपनी जिम्मेदारी, पुलिस ने रखी कड़ी नजर

शहरवासियों ने इस ड्रिल में अनुशासन दिखाते हुए घरों के अंदर ही रहकर बिजली बंद की। पुलिस ने मुख्य सड़कों पर वाहनों को रोककर लाइट बंद करने के निर्देश दिए। कई इलाकों में पहले से ही स्ट्रीट लाइट बंद रखी गई थीं। अस्पताल, होटल, मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी बिजली सप्लाई रोकी गई।

ड्रोन से निगरानी, नारेबाजी पर रोक

पूरे मॉक ड्रिल की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया, जिससे हर गतिविधि रिकॉर्ड की गई। हालांकि, कई लोगों ने मोबाइल से अंधेरे की रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने तुरंत रोक दिया। खासकर राजवाड़ा इलाके में कुछ लोगों द्वारा की जा रही वीडियो रिकॉर्डिंग और नारेबाजी—जैसे “हिंदुस्तान जिंदाबाद” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” पर पुलिस ने नियंत्रण रखा और भीड़ को नियंत्रित किया।

कलेक्टर आशीष सिंह ने मॉक ड्रिल को सफल बताया और कहा कि यदि केंद्र सरकार से फिर निर्देश मिलते हैं तो दोबारा भी इस तरह की ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल के दौरान संभागायुक्त दीपक सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा समेत पुलिस और प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने पूरे आयोजन की निगरानी की।