प्रदेश में सिर्फ 15 मिनट का अंधेरा, बिजली की मांग में रिकॉर्ड 575 मेगावाट की गिरावट

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र आयोजित मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के तहत मध्य प्रदेश में बुधवार रात एक अनूठी एकजुटता देखने को मिली। सुरक्षा जागरूकता के इस अभियान में प्रदेशवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

रात करीब 7:26 बजे से शुरू हुए ब्लैकआउट के दौरान न सिर्फ सार्वजनिक स्थलों की लाइटें बिजली विभाग ने बंद कीं, बल्कि आम लोगों ने भी घरों, दुकानों और फैक्ट्रियों की बिजली स्वेच्छा से बंद कर दी। इस सामूहिक प्रयास का असर बिजली खपत पर साफ दिखाई दिया।

जबलपुर में 82 मेगावाट की खपत में आई कमी

राज्य के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के मुख्य अभियंता प्रदीप सचान के अनुसार, जब ब्लैकआउट शुरू हुआ तब प्रदेश में बिजली की कुल मांग 10711 मेगावाट थी। मात्र 15 मिनट बाद यानी रात 7:42 बजे तक यह मांग घटकर 10130 मेगावाट रह गई।

इस प्रकार प्रदेशभर में 575 मेगावाट बिजली की मांग में गिरावट दर्ज की गई। जबलपुर शहर में भी इसका प्रभाव देखने को मिला, जहां अधीक्षण यंत्री संजय अरोरा ने बताया कि शाम के समय करीब 270 मेगावाट की मांग थी, जो ब्लैकआउट के दौरान घटकर लगभग 188 मेगावाट रह गई—यानी 82 मेगावाट की कमी।