जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में भारी तनाव उत्पन्न हो गया है। 6 और 7 मई की रात भारत ने इस हमले का निर्णायक जवाब दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने एक के बाद एक उकसावे की कार्रवाइयाँ शुरू कर दीं। इन्हीं घटनाओं पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे दावों का विस्तार से खंडन किया।
पाकिस्तान के झूठे दावों का करारा जवाब
पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि उसका पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है और उसने एक संयुक्त, पारदर्शी और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग भी रखी थी। इस पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा उतना ही झूठा है जितना कि ओसामा बिन लादेन को “शहीद” बताने वाला बयान था। उन्होंने पाकिस्तान की दोहरी नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को पहले मरा हुआ बताया गया, फिर जिंदा किया गया और बाद में जेल में डाला गया, तब से पाकिस्तान की मंशा और नीयत पर सवाल उठना लाज़मी है।
पाकिस्तान का आतंक से पुराना रिश्ता
मिसरी ने यह भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान के पास आतंकवाद से दूरी बनाने का कोई नैतिक आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन देता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की किसी भी पारदर्शी जांच की मांग पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने याद दिलाया कि पठानकोट और मुंबई हमलों के सबूत भी भारत ने पाकिस्तान को सौंपे थे, लेकिन पाकिस्तान ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी
प्रेस वार्ता में विदेश सचिव ने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि पाकिस्तानी सेना और अधिकारी आतंकवादियों के जनाजों में शामिल होते हैं, जो उनके और आतंकियों के बीच रिश्तों की पुष्टि करता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन धार्मिक स्थलों और भवनों का इस्तेमाल ढाल की तरह करते हैं, ताकि उन पर हमला न हो सके।
भारत पर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के आरोप निराधार
पाकिस्तान की ओर से लगाए गए इस आरोप का भी खंडन किया गया कि भारत ने धार्मिक स्थलों पर हमला किया है। मिसरी ने इसे पूरी तरह झूठा बताया और कहा कि भारत ने किसी भी धार्मिक पहचान से जुड़ी जगह को निशाना नहीं बनाया। उल्टे, उन्होंने 16 अप्रैल को पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर के उस बयान का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने हिन्दुओं और मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे भारत ने सांप्रदायिकता का चरम कहा।
सेना की कार्रवाई पर जानकारी जल्द
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में मिसरी ने कहा कि चूंकि हालात लगातार बदल रहे हैं, इसलिए सैन्य कार्रवाई से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी। भारत सतर्क है और हर मोर्चे पर जवाब देने के लिए तैयार है।