भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों से चल रहे तनाव के बाद शनिवार शाम को सीजफायर की घोषणा कर दी गई। इस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत की सेनाएं पूरी छूट के साथ कार्रवाई कर रही हैं, जिसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान अब घुटनों पर आ गया है।
कश्मीर हमले के बाद बदला भारत का रुख
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोषों की नृशंस हत्या की गई थी, जिसे उन्होंने कायरता की पराकाष्ठा बताया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया।
मुख्यमंत्री का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वह बात अब सच होती दिख रही है, जिसमें उन्होंने कहा था, “भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन जो भारत को छेड़ेगा उसे छोड़ेगा नहीं।”
12 मई को सम्मान में निकलेगी तिरंगा यात्रा
डॉ. यादव ने देशवासियों से आह्वान किया कि 12 मई को सैनिकों के सम्मान में “तिरंगा यात्रा” निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमारे जवानों के पराक्रम और बलिदान को नमन करने का प्रतीक होगी।
इंदौर और भोपाल में बढ़ाई गई सुरक्षा
इंदौर के महू सैन्य छावनी क्षेत्र में भी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती गई। पुलिस और सशस्त्र बलों ने संयुक्त रूप से सर्च अभियान चलाया, खासकर होलकर स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद। शेल्बी अस्पताल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, कोर्ट और मॉल्स में भी कड़ी चेकिंग की गई। हालांकि जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, लेकिन बम डिस्पोजल स्क्वॉड की टीम ने व्यापक निरीक्षण किया।
भोपाल में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। प्रमुख चौराहों और बाजारों में सायरन सिस्टम की निगरानी के लिए नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ग्वालियर एयरपोर्ट फिर से यात्रियों के लिए खुला
ग्वालियर का राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था, अब यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। हालांकि एयरपोर्ट की सुरक्षा में कोई कमी नहीं की गई है। अब केवल वही यात्री परिसर में प्रवेश कर सकते हैं जिनके पास टिकट है।
आयुष कॉलेजों में 24 घंटे हेल्थ सर्विस अनिवार्य
राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM) और आयुष मंत्रालय ने मिलकर देश के सभी आयुष और ASUS कॉलेजों को आदेश दिया है कि वे सातों दिन, चौबीसों घंटे चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएं। इसका मकसद आयुष सेवाओं की पहुँच को बेहतर और अधिक सुलभ बनाना है।