भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले भीषण टकराव और उसके बाद लागू हुए संघर्षविराम (सीजफायर) के बाद भी अब पूरे देश में एक ही सवाल गूंज रहा है। क्या वाकई पाकिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है? क्या सीमा पर शांति बहाल होगी? क्या अब सिंधु जल समझौता और वाघा बॉर्डर जैसी अहम कड़ियों का भविष्य सुरक्षित है? लेकिन पाकिस्तान की सीज फायर का उल्लघंन करना जैसी हरकतें पूरे भारतवासियों को पाकिस्तान पर भरोसा ना करने का संदेश देता है। पाकिस्तान हमेशा से ही धोखा करता आ रहा है। पाकिस्तान ने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया है कि पाकिस्तान पर भारत विश्वास कर पाये।
ऐसे शुरू हुआ पाकिस्तान के साथ फिर संघर्ष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाक रिश्तों को फिर से खतरनाक मोड़ पर ला कर खड़ा किया। भारत ने 7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च कर आतंक के नौ ठिकानों को निशाना बनाया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी, ड्रोन हमले और मिसाइल दागने शुरू कर दिए।
भारत ने ऐसे दिया जवाब
भारत ने न सिर्फ जवाबी कार्रवाई की, बल्कि पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों को तबाह कर डाला। अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने दुश्मन के मंसूबों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की सैन्य संरचना बुरी तरह चरमरा गई, जिसके बाद उसने संघर्षविराम की भीख मांगी।
ऐसे हुआ संघर्षविराम का ऐलान?
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच फोन पर बातचीत हुई। उसके बाद युद्धविराम लागू करने पर सहमति बनी। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी पुष्टि की। लेकिन सीजफायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लघंन करके गोलीबारी की गई। वहीं देर रात शुरू सीमा पर गोलीबारी रुकने के बाद पाकिस्तान फिलहाल तो शांति से बैठा है। लेकिन यही भारतीय सेनाएं अब पाकिस्तान की धोखेबाजी को देखते हुए अब भी आलर्ट मोड पर है।
भारत ने दिया बस पाकिस्तान की हरकतों का जवाब
भारत ने हालात को देखते हुए अभी कोई नई सैन्य कार्रवाई नहीं की, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी है। भारत ने कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब देने की रणनीति तय की है।
सिंधु जल समझौते पर असर पड़ेगा?
भारत ने साफ किया है कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान को दिए गए लाभों की समीक्षा जारी है। किसी भी नई रियायत की कोई संभावना नहीं है। जल प्रबंधन को लेकर भारत एकतरफा सहानुभूति दिखाने के मूड में नहीं है।
नहीं खुलेगा अटारी-वाघा बॉर्डर
बताया जा रहा है कि सामान्य मोहाल ना होने तक अटारी-वाघा बॉर्डर बंद रहेगा। आतंकी हमले के बाद लगाए गए सभी प्रतिबंध यथावत हैं। चाहे वो वीजा हो, व्यापार हो या संपर्क मार्ग सभी बंद रहेगे।
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं
भारत स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान अगर शांति चाहता है, तो उसे अपने घर में पल रहे आतंक के अड्डों को खत्म करना होगा। वरना भारत अपने सुरक्षा हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। सीजफायर लागू होने के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें नहीं बदली हैं। भारत ने संयम जरूर दिखाया है, लेकिन सख्ती बरकरार है।