22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करते हुए पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान की बौखलाहट में जवाबी कार्रवाई के बाद भारत ने एक और जवाबी हमला करते हुए उसे करारा जवाब दिया।
बीजेपी की अहम बैठक, रणनीति पर हुआ मंथन
इस घटनाक्रम के बाद सोमवार को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक अहम बैठक बुलाई। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, किरण रिजिजू, अश्विनी वैष्णव, बीएल संतोष, शिव प्रकाश और तरुण चुग जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, सीजफायर की स्थिति और जनसंपर्क अभियान को लेकर मंथन हुआ।
13 से 23 मई तक तिरंगा यात्रा का आयोजन
बैठक में निर्णय लिया गया कि 13 मई से 23 मई तक पूरे देश में दस दिवसीय ‘तिरंगा यात्रा’ आयोजित की जाएगी। इस अभियान के जरिए जनता को ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों और भारत की सैन्य शक्ति के बारे में जानकारी दी जाएगी। तिरंगा यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रवाद की भावना को और अधिक मजबूत करना है।
पूर्व सैनिक और समाजसेवी होंगे यात्रा के चेहरे
तिरंगा यात्रा में बीजेपी के बड़े नेता अग्रिम पंक्ति में नहीं दिखेंगे। इसके बजाय समाज के अग्रणी नागरिक, पूर्व सैनिक और समाजसेवी इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे। पार्टी चाहती है कि यह केवल राजनीतिक कार्यक्रम न होकर आम नागरिकों की भागीदारी वाला राष्ट्रवादी अभियान बने।
डिजिटल और ग्राउंड लेवल प्रचार पर जोर
बीजेपी इस अभियान को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी प्रमुखता से प्रचारित करेगी। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के जरिए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का संदेश फैलाया जाएगा। इसके साथ ही, हर राज्य और शहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अभियान की जानकारी दी जाएगी।
संबित पात्रा समेत वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी
इस राष्ट्रव्यापी अभियान के समन्वयन के लिए संबित पात्रा, विनोद तावड़े, तरुण चुग समेत कई वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीजेपी का लक्ष्य है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को जन-जन तक पहुंचाया जाए और भारत की सुरक्षा नीति पर जनसमर्थन मजबूत किया जाए।