इंदौर शहर में सनातन परंपराओं को संजोते हुए एक विशेष सामूहिक विवाह सम्मेलन 17 मई को आयोजित होने जा रहा है, जिसमें 15 जोड़ों का पवित्र विवाह वैदिक विधि-विधान से संपन्न कराया जाएगा। इस आयोजन की विशेष बात यह है कि इसका संपूर्ण खर्च स्थानीय विधायक गोलू शुक्ला द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने अपने जन्मदिन पर होर्डिंग और पोस्टर लगाने की परंपरा को तोड़ते हुए, इस बार निर्धन कन्याओं के विवाह कराने का संकल्प लिया है।
सम्मेलन का शुभारंभ सुबह 9:30 बजे संजय सेतु से एक आकर्षक चल समारोह के साथ होगा, जिसमें दूल्हे पारंपरिक घोड़ी पर सवार होंगे और दुल्हनें सजी-धजी बग्घियों में विराजमान रहेंगी। यह चल समारोह शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ चिमनबाग मैदान पहुंचेगा, जहां दोपहर 11:30 बजे से विवाह की विधियां शुरू होंगी।
सात नहीं, नौ वचनों लेंगे जोड़े
परंपरागत सात फेरों और सात वचनों के साथ इस समारोह में दो विशेष वचन और जोड़े जाएंगे। पहला वचन “शहर को स्वच्छ, स्वस्थ और हरा-भरा रखने” का होगा और दूसरा वचन “देश के सैनिकों के सम्मान में समर्पित” रहेगा। इस नवाचार के माध्यम से समाज में सकारात्मक सोच और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित किया जाएगा।
21 ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार से होंगे विवाह
सनातन हिन्दू समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजन समिति के दीपेंद्र सिंह सोलंकी और आयुष कचोलिया ने जानकारी दी कि विवाह की सभी रस्में 21 विद्वान ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार से संपन्न कराई जाएंगी। प्रत्येक मंडप में एक ब्राह्मण उपस्थित रहकर विधिपूर्वक विवाह संपन्न कराएंगे।
धार्मिक चित्रों से सजेगा पंडाल, मिलेगा आध्यात्मिक अनुभव
पंडाल को धार्मिक आभा प्रदान करने के लिए शिव-पार्वती, राम-जानकी, लक्ष्मी-नारायण और शालीग्राम-तुलसी विवाह के चित्रों से सजाया जाएगा। इसका उद्देश्य युवाओं को सनातन परंपराओं से जोड़ना और भारतीय संस्कृति की जड़ों से परिचित कराना है।
पंडालों को मिले खास सनातनी नाम
चिमनबाग मैदान में तीन मुख्य पंडाल बनाए गए हैं –
- ‘शिव-पार्वती विवाह पंडाल’ (विवाह के लिए),
- ‘मां अन्नपूर्णा पंडाल’ (भोजन व्यवस्था हेतु),
- और ‘अतिथि देवो भव पंडाल’ (अतिथियों के स्वागत हेतु)।
इसके अतिरिक्त, जल व्यवस्था को ‘मां नर्मदा पेयजल’ नाम दिया गया है, जिससे आयोजन में अध्यात्म और संस्कृति का गहरा समावेश हो।