राजवाड़ा बनेगा इतिहास रचते फैसलों का साक्षी! मां अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर 20 मई को इंदौर में होगी मंत्रिमंडल की बैठक

मध्य प्रदेश का प्राचीन नाम अवंती था, जिसे बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान सेंट्रल प्रोविंस और बरार के रूप में जाना गया था। इसके बाद 1956 में, इसे मध्य प्रदेश के नाम से जाना जाने लगा. मध्यप्रदेश में राजवाड़ा का अत्यधिक महत्व है जिसका निर्माण 1747 में होलकर राजवंश के संस्थापक मल्हार राव होलकर ने करवाया था। मल्हार राव होलकर, मां अहिल्याबाई होलकर के ससुर थे। वे अहिल्याबाई के पति, खंडेराव होलकर के पिता थे। मल्हार राव एक प्रसिद्ध सूबेदार थे और मराठा साम्राज्य के प्रमुख शासकों में से एक थे. इसके बाद यहां पर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर ने शासन किया उनकी 300वीं जयंती के अवसर पर इंदौर में मोहन सरकार ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रही है। जब यहां पर अवंती राज्य की मंत्रीमंडल कई फैसलें लेगी। यह अदभूत क्षण होगा जब प्रदेश के मंत्रिमंडल की बैठक सांस्कृतिक धरोहर राजवाड़ा पर होगी। तब नीति निर्माण की गूंज इस ऐतिहासिक इमारत की दीवारों से बाहर आएंगी। जो माता अहिल्या की तर्ज पर न्याय करती हुई होगी। माता अहिल्या के न्याय की गाथाएं जगजाहिर है।

झलक रहा है उत्सव का जोश
राजवाड़ा को ऐतिहासिक गरिमा और सांस्कृतिक आभा से सजाया जा रहा है। संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह और निगम आयुक्त शिवम वर्मा सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने आज बैठक स्थल पर पहुँचकर राजावाड़ा पर तैयारियों की समीक्षा की।

सांस्कृतिक वैभव से दमक रहा राजवाड़ा
देवी अहिल्या की स्मृति में राजवाड़ा को पारंपरिक और आधुनिकता के मेल से सजाया जा रहा है। मालवी संस्कृति की झलक हर कोने में दिखाई दे रही है। यहां चमकते दीप, रंग-बिरंगे पुष्प, और पारंपरिक सजावट इस स्थल को अदभूत यादगार बनाएँगे।

मां अहिल्या के माल्यार्पण से शुरू होगी बैठक
बैठक की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और समस्त मंत्रीगण द्वारा माँ अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण से होगी। इसके बाद ऐतिहासिक राजवाड़ा के भूतल पर मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी जहां राज्य हित के ऐतिहासिक फैंसले लिए जाएंगे।

मालवी मेहमाननवाज़ी से होगा स्वागत
मंत्रियों व अतिथियों का स्वागत इंदौरी शान और मालवी परंपरा के अनुसार किया जाएगा। बैठक के बाद प्रथम तल पर पारंपरिक मालवी भोज परोसा जाएगा, जिसमें दाल-बाटी, दही बड़ा और मावा बाटी जैसे लज़ीज़ व्यंजन सबका मन मोह लेंगे।

सुरक्षा का अभेद कवच
राजवाड़ा में अस्थायी सचिवालय स्थापित किया जा रहा है, जहाँ से पूरे आयोजन की प्रशासनिक गतिविधियाँ संचालित होंगी। सुरक्षा के लिए विशेष बल तैनात रहेगा और सभी विभागों को जिम्मेदारियाँ सौंपी जा चुकी हैं। लाइजनिंग अधिकारी मंत्रियों के साथ समन्वय बनाएँगे।

 मां अहिल्या के दर्शन होंगे जीवंत
इस भव्य आयोजन के दौरान दो विशेष प्रदर्शनी भी होंगी। पहली, देवी अहिल्या के जीवन, सेवा और सुशासन पर केंद्रित होगी। जिसमें चित्रों और कलात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके महान कार्यों को उकेरा जाएगा। दूसरी, ‘अहिल्या दर्शन’ से प्रेरित प्रदेश सरकार की योजनाओं को दिखाएगी, जिनमें महिला सशक्तिकरण, जनसेवा और इंदौर के समग्र विकास की झलक मिलेगी।

इंदौर रचेगा एक नया इतिहास!
इस मंत्रिमंडल बैठक से इंदौर केवल प्रशासनिक निर्णयों का केंद्र नहीं बनेगा, बल्कि यह अपनी गौरवशाली विरासत और संस्कृति का उद्घघोष भी करेगा। यह क्षण इंदौरवासियों के लिए गर्व, परंपरा और भविष्य की दिशा तय करने वाला अद्वितीय अवसर बनकर उभरेगा।