मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के तेजी से बढ़ते नगरीय क्षेत्रों में व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर, राज्य में कई बड़ी पंचायतों को नगर परिषदों में परिवर्तित किया जाएगा। यह परिवर्तन प्रदेश में प्रस्तावित मेट्रोपॉलिटन एरिया के भीतर शुरू किया जाएगा, जिससे न केवल नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन के लिए इंदौर और भोपाल को प्राथमिकता दी है। इन दोनों शहरों के आस-पास के क्षेत्र जैसे इंदौर-उज्जैन-देवास-धार और भोपाल-सीहोर-रायसेन-विदिशा को मिलाकर एक समग्र मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाया जाएगा। इस योजना से इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को और गति मिलेगी, क्योंकि मेट्रोपॉलिटन बनने से यहां निवेश और व्यापारिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुधार
मुख्यमंत्री ने इस पहल के अंतर्गत कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रस्तावित मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में बसाहटों, यातायात, सार्वजनिक परिवहन, जल आपूर्ति, सीवरेज, विद्युत आपूर्ति और प्रकाश व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं की समन्वित योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि इन क्षेत्रों का तेजी से विकास हो और नागरिकों को एक बेहतर जीवनस्तर मिल सके।
नगर परिषदों का नया रूप: पंचायतों का उन्नयन
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी घोषणा की कि मेट्रोपॉलिटन एरिया के अंतर्गत आने वाली पंचायतों को नगर परिषदों में रूपांतरित किया जाएगा। इसके तहत, इंदौर और भोपाल के साथ-साथ इन दोनों शहरों से जुड़े अन्य क्षेत्र जैसे रायसेन और मंडीदीप की पंचायतों को भी नगर परिषद में बदला जाएगा। इस प्रक्रिया से इन क्षेत्रों में प्रशासनिक सशक्तिकरण होगा और विकास के लिए जरूरी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग किया जा सकेगा।
प्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल के लिए मप्र मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस एक्ट के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों की योजनाओं और उनके प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया का क्षेत्रफल करीब 9,000 वर्ग किमी होगा, जिसमें लगभग 1756 गांवों को शामिल किया जाएगा।