अयोध्या में अब धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ एक नया अनुभव जुड़ने जा रहा है। रामलला के दर्शन के बाद पर्यटक अब गांवों की ओर रुख करेंगे, जहां उन्हें न सिर्फ स्थानीय संस्कृति का अनुभव मिलेगा, बल्कि ग्रामीण जीवन की सच्ची तस्वीर भी देखने को मिलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या जिले की पांच ग्राम पंचायतों को चुना है, जहां पर्यटकों के लिए होम स्टे और फार्म स्टे की सुविधा उपलब्ध होगी। इस पहल से पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी।
ग्रामीण पर्यटन का नया रूप: “गांव चलो” मॉडल
योगी सरकार ने अयोध्या को अब सिर्फ धार्मिक पर्यटन का हब नहीं, बल्कि ग्रामीण पर्यटन का केंद्र भी बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत ‘गांव चलो’ की तर्ज पर अयोध्या में एक अनोखा होम स्टे और फार्म स्टे मॉडल शुरू किया गया है। इस मॉडल के तहत पर्यटक गांवों में रहकर खेती, पशुपालन, देसी भोजन और लोक संस्कृति का अनुभव ले सकेंगे। यह पहल अयोध्या के ग्रामीण पर्यटन को एक नया दिशा और ऊर्जा देगी, जिससे राज्य की संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली को प्रोत्साहन मिलेगा।
अन्य राज्यों में पहले से सफल, अब यूपी में भी शुरुआत
यह फार्म स्टे और होम स्टे मॉडल पहले महाराष्ट्र, गुजरात और केरल जैसे राज्यों में सफल हो चुका है। अब यूपी सरकार ने इस मॉडल को अयोध्या में लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पर्यटकों को अच्छे से ठहरा सकें, उन्हें स्थानीय भोजन और अनुभव दे सकें। इस कदम से न केवल पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और विकास की नई संभावनाएं भी खुलेंगी।
अयोध्या जिले में इस योजना के तहत पांच गांवों को चुना गया है, जिनमें अबनपुर सरोहा, गौरागयासपुर, रामपुरवा, सेरवाघाट और नगवाडीह शामिल हैं। इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं जैसे साफ-सुथरे कमरे, देसी भोजन, कृषि भ्रमण, मिट्टी के बर्तन बनाना, पशु देखभाल जैसी गतिविधियां विकसित की जा रही हैं। इससे पर्यटकों को गांव की असली जीवनशैली का अनुभव होगा और उन्हें शहरी जीवन की हलचल से एक सुकून भरे पल मिलेंगे।
ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता
इस योजना से स्थानीय ग्रामीणों को अपनी पारंपरिक जीवनशैली और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, साथ ही उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा। फार्म स्टे के माध्यम से किसान अब सिर्फ अपनी फसलें बेचने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे पर्यटकों को खेती से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने का मौका भी देंगे। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे पर्यटकों को खेती के कामों में भागीदार बना कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे।
युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के नए अवसर
ग्रामीण पर्यटन के इस नए मॉडल से युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे गांवों में पलायन को रोकने में मदद मिलेगी और युवा पीढ़ी को अपने घरों के पास ही रोजगार के विकल्प मिलेंगे। यह भारत के कृषि प्रधान देश की तस्वीर को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास करना है।