गर्मियां आते ही लोग एसी का रिमोट पकड़ लेते हैं, लेकिन बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि क्या उनका AC सर्विस के लिए तैयार है या नहीं। अक्सर लोग तभी सर्विस कराते हैं जब AC ठंडी हवा देना बंद कर देता है या खराब हो जाता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
आइए जानते हैं कि AC की सर्विस कब करानी चाहिए, क्या नुकसान हो सकता है अगर आप टालते रहें, और सर्विस में क्या-क्या होता है।
AC सर्विस का सही समय
AC की सर्विस का सबसे अच्छा समय गर्मी शुरू होने से ठीक पहले होता है, यानी मार्च या अप्रैल में। इस वक्त करवाने से आपका एसी तेज गर्मी शुरू होने से पहले पूरी तरह तैयार हो जाता है। हालांकि, अगर आपका AC बहुत ज्यादा चलता है (600 से 700 घंटे तक), तो उसे साल में दो बार सर्विस कराना बेहतर होता है।
इसके अलावा, हर 15 से 20 दिन में AC के फिल्टर को साफ करते रहना भी जरूरी है। अगर आप नियमित सर्विस कराते हैं तो आपका एसी बिना किसी रुकावट के ठंडी हवा देता है और बिजली की खपत भी कम होती है।
AC को बिना सर्विस चलाने के नुकसान
अगर समय पर AC की सर्विस नहीं करवाई गई, तो सबसे पहला असर उसकी कूलिंग पर पड़ता है। एसी की ठंडी हवा धीरे-धीरे कम हो जाती है, जिससे कमरे को ठंडा करने में ज्यादा समय लगता है और AC ज़्यादा बिजली खपत करने लगता है — यानी बिजली का बिल बढ़ना तय है।
सिर्फ इतना ही नहीं, गंदे फिल्टर और धूल-मिट्टी की वजह से एलर्जी, सांस की दिक्कत या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही, अगर सर्विस में देरी होती है तो एसी का कंप्रेसर भी खराब हो सकता है, जिसकी मरम्मत में भारी खर्च आता है।
सर्विस में क्या-क्या होता है? जानिए पूरी प्रक्रिया
AC की सर्विसिंग में केवल बाहर से सफाई नहीं होती, बल्कि इसमें कई तकनीकी जांचें की जाती हैं, जैसे:
- एयर फिल्टर की सफाई, जिससे धूल-मिट्टी हटती है और हवा की गुणवत्ता सुधरती है।
- फिन और कॉइल की क्लीनिंग, जो कूलिंग एफिशिएंसी बढ़ाते हैं।
- गैस लेवल की जांच, अगर गैस कम है तो रिफिल की जाती है।
- कूलिंग और लीक टेस्टिंग, जिससे पता चलता है कि कहीं गैस लीक तो नहीं हो रही।
- इलेक्ट्रिकल कनेक्शन और कंट्रोल्स की जांच, जिससे फायर या शॉर्ट सर्किट जैसी संभावनाएं खत्म होती हैं।
AC को स्मार्ट तरीके से चलाएं
AC को लगातार 10–12 घंटे तक चलाना नुकसानदायक हो सकता है। बेहतर है कि जब कमरा ठंडा हो जाए, तो उसे बंद कर दिया जाए और सीलिंग फैन भी साथ में चलाया जाए, ताकि ठंडी हवा बनी रहे। इससे कूलिंग बनाए रखने में मदद मिलती है और बिजली की भी बचत होती है।