Breaking News : मंत्री विजय शाह को लेकर इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आ रही है सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को जोरदार फटकार लगाते हुए फिलहाल गिरफ्तारी पर लोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच SIT से कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने SIT से 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. और कहा कि मंत्री के बयान से पूरा देश शर्मसार है. विजह शाह को को उचित माफ़ी मांगकर या माफ़ी के साथ खेद व्यक्त करके खुद को सही साबित करना चाहिए था.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय शाह को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। सोमवार, 19 मई को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट दोनों में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को खारिज कर दिया, हालांकि उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने उनके बयान को लेकर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि इससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।
‘अगर-मगर के साथ माफी नहीं चलती’ – सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान मंत्री के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि माफी में “अगर-मगर” जोड़ा जाए, तो वह सच्ची नहीं मानी जाती। कोर्ट ने दो टूक कहा कि मंत्री का व्यवहार अनुकरणीय होना चाहिए और ऐसी माफी केवल बचाव का हथकंडा हो सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर हम इस माफी को मान लें, तो मंत्री बाहर जाकर कहेंगे कि कोर्ट के कहने पर माफी मांगी थी।
तीन अफसरों की एसआईटी करेगी जांच, सभी होंगे MP से बाहर के
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। यह टीम एक आईजी रैंक के अफसर की अगुआई में काम करेगी, और इसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल होंगी। कोर्ट ने खासतौर पर यह कहा कि एसआईटी के सभी सदस्य मध्यप्रदेश के बाहर से होंगे, ताकि जांच में किसी भी तरह का पक्षपात न हो।
माफी को कोर्ट ने बताया ‘मगरमच्छ के आंसू’
अदालत ने विजय शाह की माफी को ‘मगरमच्छ के आंसू’ जैसा बताया। कोर्ट ने कहा कि मंत्री के बयान बेहद आपत्तिजनक, भद्दे और बिना सोच-विचार के थे। ऐसे बयानों से समाज में नफरत फैल सकती है और राष्ट्रीय एकता को नुकसान हो सकता है। इसीलिए अदालत ने सख्ती दिखाते हुए माफी को नामंजूर कर दिया।
हाईकोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान, अब 16 जून को अगली सुनवाई
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस विवादास्पद बयान को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी आदेश के खिलाफ मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। वहीं हाईकोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को तय की गई है।
क्या कहा था विजय शाह ने?
11 मई को इंदौर के महू क्षेत्र के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए बेहद विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि “उन्होंने हमारे हिंदुओं को कपड़े उतार-उतारकर मारा और अब मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने भेजा। अब मोदी जी तो कपड़े नहीं उतार सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा ताकि वो बदला ले सके।” इस बयान को लेकर पूरे देश में आक्रोश देखा गया और सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया हुई।
राजनीतिक हलकों में खलबली, विपक्ष का हमला तेज
इस पूरे विवाद के बाद राजनीतिक हलकों में उथल-पुथल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं के सम्मान और सेना की गरिमा का अपमान बताते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। वहीं बीजेपी अभी तक इस मसले पर कोई ठोस बयान नहीं दे पाई है।