कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान के बाद मंत्री विजय शाह पर मोहन सरकार सख्त हो गई है। एक ओर जहां शाह ने दूसरी पार्टी बनाने की धमकी दी है वहीं मोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के बयान का इंतजार कर रही है। इसके साथ ही मोहन सरकार ने मंत्री की ओर भेजी गई तबादला फाइलों पर रोक, लगा दी है। इसके साथ ही विभागीय मूवमेंट भी ठप कर दिया गया है। विवादों से घिरे मंत्री विजय शाह से सरकार ने दूरी बना ली है। उनके प्रभार वाले जिले रतलाम और झाबुआ से भेजी जाने वाली तबादलों की अनुशंसा वाली फाइलें रोक दी हैं। वहीं जनजातीय कार्य विभाग से जुडी फाइलों का मंत्री के घर से कार्यालय तक होने वाला फाइलों का मूवमेंट भी रोक दिया।
दो जिलों के कर्मचारी परेशान
मंत्री शाह के कार्यालय में फाइलें शासकीय सेवकों के तबादलों से जुड़ी है, जिन पर मंत्री को अनुशंसा करनी है। मोहन सरकार ने इस तरह से फाइलें रोकने का कोई अभी तक लिखित कारण नहीं बताया है। जहां सरकार ने मंत्री शाह के विवादों में गिरने के बाद कन्नी काटी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में स्पेशल जांच टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिए है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद असर
सूत्रों के मुताबिक आवेदनों के आधार पर कई नस्तियां जिलों व विभाग में तैयार भी हो गई, लेकिन मंत्री की अनुशंसा से पहले अटक गई। हालांकि मंत्री को फाइलें करने में फिलहाल कोई कानूनी अड़चन नहीं है, लेकिन नैतिकता के तौर पर उनके कामकाज करने को लेकर गलत ठहराया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब मंत्री की फाइलों को आगे बढ़ाने से पहले सामान्य प्रशासन विभाग से राय लेंगे। दोनों जिलों को मिलाकर 1 हजार आवेदन प्रक्रिया में हैं, जिस पर मंत्री की अनुशंसा लग रही है। तबादले की प्रक्रिया 30 मई तक पूरी होनी है । कोर्ट ने मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए, दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि शाह को इस मामले में माफी नहीं मिलेगी। बल्कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्टे ने निर्देश देते हुए कहा कि, इस टीम में तीन IPS अधिकारी होंगे, इनमें एक IG और बाकी दो SP लेवल के अफसर शामिल होंगे। इनमें से एक अधिकारी अनिवार्य रूप से महिला होगी। कोर्ट ने कहा कि ये सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन मूल रूप से मध्य प्रदेश के निवासी नहीं होने चाहिएं। वहीं कोर्ट ने SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के महू थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। अब अगली सुनवाई 28 मई को होगी।