पतंजलि आयुर्वेद को आखिरकार 23 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ये मामला 2002 से चल रहा था, जो कि रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच विवाद से जुड़ा था। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
क्या था मामला?
2002 में सीमा शुल्क विभाग ने रुचि सोया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी बैंक गारंटी को नकदी में बदल दिया और कस्टम ड्यूटी वसूली की। इसके खिलाफ कंपनी ने कोर्ट का रुख किया, लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क अधिकारियों के फैसले को सही ठहराया और कंपनी को राहत देने से इनकार कर दिया।
पतंजलि ने खरीदी दिवालिया रुचि सोया, जारी रहा मामला
2019 में जब रुचि सोया आर्थिक संकट में थी, तब पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत उसे ₹4350 करोड़ में अधिग्रहित किया और कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड कर दिया। हालांकि, 2002 से चला आ रहा सीमा शुल्क का यह मामला अब भी लंबित था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
सालों से चल रहे इस विवाद में आखिरकार 2025 में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सीमा शुल्क की यह वसूली “अनुचित संवर्धन” (Unjust Enrichment) के सिद्धांत के तहत अमान्य है और इसके तहत की गई वसूली को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।
पतंजलि को मिली कानूनी जीत
इस फैसले के बाद पतंजलि आयुर्वेद को बड़ी कानूनी जीत मिली है, क्योंकि अब इस पुराने विवाद से कंपनी को मुक्ति मिल गई है। ये फैसला न सिर्फ पतंजलि के लिए राहत की खबर है, बल्कि पूरे कॉर्पोरेट जगत के लिए यह एक मिसाल बन सकता है कि किस तरह न्याय में देरी के बावजूद सही निर्णय संभव है।
भारत की अग्रणी FMCG कंपनी
रुचि सोया, जिसे अब पतंजलि फूड्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख FMCG कंपनी है। यह कंपनी खाद्य तेल जैसे सोया तेल, पाम तेल, सूरजमुखी तेल, के साथ-साथ गेहूं का आटा, बेसन, और अन्य उपभोक्ता उत्पादों का उत्पादन करती है। इसकी स्थापना 1986 में हुई थी, और अब यह पतंजलि समूह का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
न्याय की जीत, पतंजलि की प्रतिष्ठा को नया मुकाम
इस फैसले ने न केवल पतंजलि को राहत दी है, बल्कि देश की न्याय प्रणाली में भरोसे को भी मजबूत किया है। 23 साल पुराने मामले का अंत अब पतंजलि के पक्ष में हुआ है, जो ये साबित करता है कि सच और धैर्य के साथ लड़ी गई लड़ाई अंततः जीत की ओर ले जाती है।