चावल खाने से पहले पढ़ ले अमेरिका की ये रिपोर्ट

हाल ही में अमेरिका में रिसर्च हुई थी,जो दुनिया भर में चिंता विषय बन चुकी है। इस स्टडी में अमेरिका में बिकने वाले 128 पॉपुलर राइस ब्रांड्स की जांच की गई, जिसमें कई ब्रांड्स में “आर्सेनिक और कैडमियम” जैसे कई खतरनाक मेटल्स पाए गए। बता दे की यदि इन दोनों तत्वों का सेवन लंबे समय तक किया जाये तो ये शरीर में कई गंभीर समस्याओं को न्योता दे सकता है – जैसे लीवर और किडनी की समस्या, हड्डियों का कमजोर होना, और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा।
यह रिपोर्ट केवल अमेरिका के लिए चिंताजनक नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है।खासतौर पर ये भारत जैसे देशो के लिए खतरे की घंटी है, जहां चावल रोजमर्रा की डाइट का अहम हिस्सा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या हमारे देश में बिकने वाला चावल पूरी तरह सुरक्षित है?

आइये जानते है रिपोर्ट्स में क्या है:
अमेरिका की इस रिपोर्ट में बताया गया कि जिन ब्रांड्स के चावल टेस्ट किए गए, उनमें मेटल्स कि मात्रा हेल्थ स्टैंडर्ड से कहीं ज्यादा थी। यह रिपोर्ट केवल अमेरिका के ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चावल की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े करती है।

जानिए की आखिर आर्सेनिक और कैडमियम क्यों हैं खतरनाक?

आर्सेनिक:
एक जहरीला तत्व है। जो मिट्टी या दूषित पानी के ज़रिए चावल तक पहुंचता है। इसके सेवन करने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है,जैसे स्किन डिजीज, हार्ट डिजीज, डायबिटीज ।यदि इस तत्व की मात्रा शरीर में बढ़ जाये , तो इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारिया होने की संभावना भी रहती है ।

कैडमियम:
कैडमियम ज़्यादातर फर्टिलाइज़र या इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन के कारण मिट्टी में मिल जाता है।यह केमिकल हमारी किडनी, हड्डियों और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इन तत्वों को न तो चावल को धोने और न ही पकाने से पूरी तरह हटाए जा सकता है। जिससे इनका असर शरीर में रह जाता है।

कैसे बचें इन जहरीले तत्वों से?

धोएं और भिगोएं
चावल को कम से कम 30-45 मिनट पानी में भिगोकर रखें। इससे कुछ हानिकारक पदार्थ कम हो सकते हैं। ज्यादा पानी का इस्तेमाल करें और पकने के बाद एक्स्ट्रा पानी निकाल दें। यह तरीका टॉक्सिन्स की मात्रा कम करता है।

अनाज में वैरायटी रखें
हमें केवल चावल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए । अपने आहार में गेहूं, रागी, बाजरा, ओट्स और क्विनोआ को भी शामिल करें और साथ ही ऐसे ब्रांड चुनें जो क्वालिटी टेस्टिंग की जानकारी साझा करते हैं।