मध्यप्रदेश ने देश में एक नया इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही एमपी सरकार ने भारत की पहली ‘जिला घरेलू उत्पाद रिपोर्ट (डीडीपी)’ जारी की है। सीएम डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और विकसित भारत के विजन 2047 की ओर एक मजबूत शुरुआत हो गई है। यह रिपोर्ट राज्य के सभी जिलों की आर्थिक स्थिति का विस्तृत आंकलन करते हुए रिपोर्ट पेश करेगी। इसके साथ ही यह तय करने में भी मदद मिलेगी कि किस जिले में किस क्षेत्र में विकास की कितनी ज़रूरत है।
आँकड़ों के आधार पर होंगे फैसल
भोपाल के अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान में जारी इस रिपोर्ट को अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला ने “विजन 2047 की नींव” बताया। उन्होंने कहा, अब जिलों की योजनाएं सिर्फ अनुमान नहीं, बल्कि सही आर्थिक आंकड़ों पर आधारित होंगी, जिससे नीति-निर्माण ज्यादा प्रभावी और स्थानीय ज़रूरतों के हिसाब से होगा।
इंदौर राज्य का आर्थिक इंजन बना
डीटीपी रिपोर्ट के अनुसार राज्य की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन जिलों का रहा है। यह सभी जिले राज्य के आर्थिक इंजन बन गए है जिनके पीछे विकास की रेलगाड़ी प्रदेश में दौड़ रही है। जिसमें प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, वानिकी, मत्स्य): 45% द्वितीय क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण): 19% तृतीय क्षेत्र (सेवाएं, व्यापार, वित्त): 36% छिंदवाड़ा, धार और बालाघाट जैसे जिलों ने भी शानदार प्रदर्शन कर राज्य की आर्थिक ताकत को बढ़ाया।
नीति आयोग और इंडिया फाउंडेशन की साझेदारी
इस अवसर पर मप्र योजना एवं सांख्यिकी विभाग और इंडिया फाउंडेशन के बीच दो बड़े समझौते हुए, जिनके तहत डेटा इनोवेशन हब और रिसर्च एनालिसिस यूनिट स्थापित किए जाएंगे। इससे आने वाले समय में नीतियां और ज्यादा वैज्ञानिक, सटीक और ज़रूरतों के अनुसार बन सकेंगी। आयुक्त ऋषि गर्ग और संयुक्त संचालक विश्वजीत रैकवार ने सभी जिलों से अपील की कि वे इस रिपोर्ट को अपनी विकास योजनाओं की बुनियाद बनाएं और मिलकर आत्मनिर्भर, समावेशी और समृद्ध मध्यप्रदेश की दिशा में कदम बढ़ाएं।