प्रखर – वाणी
वाह रे दरिंदे मोहसिन खान…हिन्दू लड़कियों से छेड़छाड़ को मानता था शान…लव जिहादी तेरी करतूतों का भंडाफोड़ हो गया है…तेरे दिमाग को कट्टरता व धर्म का कोड हो गया है…तू निशानेबाजी का कोच बनकर कहीं और निशानेबाजी करता रहा…तेरी गन्दी हरकतों का कारनामा कई लड़कियों को अखरता रहा…क्या तेरी हिम्मत थी तूने हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया…रक्षासूत्र खुलवा दिए गोमांस खिलवा दिया कुरान पढ़ने की विवशता का पैगाम दिया…तेरे नफरती कांड के पीछे जरूर कोई बड़ा हाथ है…सच सच बता ऐसे कितने जुनूनी तेरे साथ हैं…क्या ऐसे घिनौने प्रपंच की भी तालीम तुझे कहीं मिली है…
शूटिंग की आड़ में अपनी ही शिक्षार्थियों को बेड टच करके तेरी आत्मा खिली है…हुस्न की हवस में शैतानियत की रूह को लव जिहाद से जोड़ने वालों…भारत की एकता व अखण्डता को धूमिल करने वाले मकड़ी के जालों…तुम्हारी सोच को कुकृत्य के मानिंद गन्दा करके अपराध करते हो…ऐसी घटनाएं और बार बार घृणित घटनाक्रम संग निर्बाध करते हो…तुमको तो कई मुस्लिम राष्ट्रों की सार्वजनिक सजा की भांति चौराहे पर बांधकर पत्थरों से पीटना चाहिए…तुम्हारे शरीर की बोटी बोटी नोंचकर जोरदार ढंग से घसीटना चाहिए…अपनी शैतानियत की सल्तनत के दुष्ट हुक्मरानों…तुम्हारी अब उलटी गिनती शुरू हो गई है मोदी – योगी युग में ये मानो…
मोहन की मुरली ही देखी है अब सुदर्शन चक्र चलेगा ये जान लो…बर्दाश्त करने योग्य नहीं है तुम्हारा कृत्य ये तुम तुम्हारे आकाओ सहित मान लो…अब नगाडा बज चुका है लव जिहाद के विरुद्ध युद्ध का…जन आक्रोश भी फूट गया है तुम्हारे खिलाफ एक एक क्रुद्ध का…अब और शोषण और दुष्कर्म बर्दाश्त नहीं होगा…तुम्हारी साजिशों को सीमा के भीतर व बाहर भोगा…जाल फैलाकर मछलियां पकड़ते तो फिर उनकी तड़पन पर आनन्द उठाते हो…बहरूपिया बनकर दोस्ती करते हो फिर अपना असली चेहरा दिखाते हो…तुम्हारी वहशियाना अदाओं पर अब चाबुक चलेगा…हर एक शिकंजे में होगा जो लव जिहाद में छलेगा…