जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में राहुल गांधी की भावनाओं से भरा रहा, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी वहां पहुंचे। पाकिस्तानी गोलाबारी में अपनों को खो चुके परिवारों से मिलकर उन्होंने न सिर्फ उनका दुख साझा किया, बल्कि उनके हौसले को भी सलाम किया। राहुल गांधी ने पुंछ पहुंचते ही गोलाबारी में मारे गए लोगों के स्वजनों से मुलाकात की। टूटे घर, बिखरे सपने, और हर चेहरे पर गम की परतें – इन सबके बीच राहुल ने उन परिवारों का हाथ थामा, जिनका जीवन जंग की विभीषिका ने झकझोर दिया है। उन्होंने गोलीबारी से प्रभावित अन्य पीड़ितों की भी व्यथा सुनी और भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को वह संसद तक पहुंचाएंगे।
राष्ट्रीय स्तर तक पीडि़तों का दर्द पहुंचाने का वादा
“टूटे मकान, बिखरा सामान, नम आंखें और हर कोने में अपनों को खोने की दर्द भरी दास्तान देख कर राहुल गांधी कहते है कि ये देशभक्त परिवार हर बार जंग का सबसे बड़ा बोझ साहस और गरिमा से उठाते हैं। उनके हौसले को सलाम। पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ा हूं और उनकी मांगें राष्ट्रीय स्तर पर उठाऊंगा।” यह दौरा राहुल गांधी का इस महीने जम्मू-कश्मीर का दूसरा दौरा है। इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद वह 25 अप्रैल को श्रीनगर आए थे। पुंछ में इस समय सबसे अधिक जान-माल की क्षति हुई है । यहीं हमले में 20 से ज्यादा लोगों की जान जाने का अनुमान है। राहुल गांधी शनिवार सुबह करीब 9 बजे जम्मू पहुंचे और वहां से हेलिकॉप्टर द्वारा सीधे पुंछ रवाना हुए। उनके साथ पार्टी के कार्यवाहक प्रदेश प्रधान रमण भल्ला और युवा नेता नीरज कुंदन भी मौजूद थे। पुंछ में तीन घंटे तक रुकने के दौरान उन्होंने स्थानीय नेताओं से भी बातचीत की। इस बीच, पार्टी के सांसद और जम्मू-कश्मीर प्रभारी डॉ. सैयद नसीर अहमद, प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा पहले ही पुंछ पहुंच चुके थे और वहां वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुके थे। बैठक में सीमावर्ती इलाकों में बंकरों के निर्माण, उनकी मरम्मत, और प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई।