भारत कैसे बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था? जानिए नीति आयोग की बैठक में क्या-क्या हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के विकास के लिए राज्य स्तर पर रणनीतियों पर चर्चा हुई। इस बैठक में 36 में से 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया, जो अब तक की सबसे अधिक भागीदारी है। हालांकि कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।

भारत आर्थिक छलांग की दहलीज पर

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बैठक के बाद बताया कि भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अब जापान से भी आगे निकल गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर मौजूदा विकास योजनाओं पर कार्य होता रहा तो भारत अगले ढाई से तीन सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

राज्य स्तरीय विजन दस्तावेज: साझा विकास की कुंजी

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों से अपने-अपने विकास विजन दस्तावेज तैयार करने की अपील की थी ताकि वे राष्ट्र स्तर पर एक समेकित रणनीति में सम्मिलित किए जा सकें। बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि अब तक 17 राज्यों ने अपने विजन दस्तावेज तैयार कर लिए हैं या करने वाले हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं। शेष राज्यों के अगस्त तक अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

बैठक का प्रमुख एजेंडा: ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’

बैठक का मुख्य एजेंडा था “विकसित भारत के लिए विकसित राज्य”। प्रधानमंत्री ने इस विचार को दोहराया कि राष्ट्रीय विकास तब तक संभव नहीं जब तक राज्य खुद विकसित न हों। इस दिशा में नीति आयोग राज्यों को अपने दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को तय करने और कार्यान्वित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वसम्मति

बैठक में हाल में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हुई, जिसमें सभी ने सेना और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की। बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इसे सिर्फ सैन्य सफलता नहीं, बल्कि सामाजिक समर्थन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि समाज ने एकजुट होकर इस अभियान को समर्थन दिया और यही भारत की असली ताकत है।

राज्यों के लिए फोकस क्षेत्र: विनिर्माण और सेवाएं

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यों को विकास के कई मोर्चों पर कार्य करना होगा। खासकर उन्हें विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) और सेवाओं (सर्विस सेक्टर) पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि देश की आर्थिक क्षमता और रोज़गार के अवसरों को बढ़ाया जा सके।