Ayushman Bharat Scheme: देश की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम ‘आयुष्मान भारत’ के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को इलाज की सुविधा निशुल्क दी जा रही है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब उन्हें आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ता। हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी राजधानी में इस योजना की शुरुआत की है, जिससे हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
किन परिस्थितियों में नहीं मिलेगा योजना का लाभ?
हालांकि, यह योजना बहुतों के लिए मददगार है, लेकिन कुछ मामलों में इसका फायदा नहीं मिल पाता। उदाहरण के लिए, अगर किसी का इलाज बिना अस्पताल में भर्ती हुए (OPD में) हो सकता है, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। केवल अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में ही इसका उपयोग संभव है।
प्राइवेट ओपीडी और सामान्य जांच योजना के दायरे से बाहर
अगर आप किसी निजी डॉक्टर के पास केवल जांच करवाने जाते हैं, तो भी आयुष्मान कार्ड मान्य नहीं होगा। इसी तरह, सिर्फ ब्लड टेस्ट, एक्स-रे या अन्य सामान्य जांच के लिए अस्पताल जाने पर यह सुविधा लागू नहीं होती।
संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ नहीं
जो लोग संगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं और जिनका पीएफ कटता है या जो ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलता। यानी योजना खास तौर पर असंगठित क्षेत्र के गरीबों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
आयुष्मान कार्ड से मिलते हैं कई फायदे
जिन्हें आयुष्मान कार्ड मिलता है, उन्हें इलाज से जुड़ी कई सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले के 3 दिन और डिस्चार्ज के बाद के 15 दिन तक की दवाएं, जांच और देखभाल का खर्च इसमें शामिल होता है। भर्ती के दौरान मरीज को दिए जाने वाले भोजन की लागत भी योजना के अंतर्गत कवर की जाती है।
70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को मिलती है विशेष सुविधा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत शुरू की गई इस योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। उनकी आय की स्थिति चाहे जो भी हो, उम्र के आधार पर उन्हें योजना का लाभ दिया जाता है। इस हेतु आधार कार्ड में दर्ज उम्र को ही मान्यता दी जाती है।