पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के भाई पर धोखाधड़ी का केस, कॉलोनी डेवलपमेंट में बड़ा खुलासा

इंदौर में एक ज़मीन विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई भरत पटवारी, नाना पटवारी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के खिलाफ तेजाजी नगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने न केवल ज़मीन पर जबरन कब्जा किया, बल्कि जान से मारने की धमकियाँ भी दीं और अब उस ज़मीन पर अवैध कॉलोनी बनाकर खुलेआम उसका प्रचार कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने खोला राज
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 74 वर्षीय महावीर बाग निवासी नरेंद्र मेहता की शिकायत से हुई। उन्होंने बताया कि 29 मार्च 2025 को सदाशिव यादव करीब 15-20 लोगों के साथ ग्राम उमरी खेड़ी स्थित सर्वे नंबर 1, 2, 3 और 4 पर पहुंचे और जबरदस्ती छह एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्हें धमकाकर जमीन से बाहर निकाल दिया गया और अब वहां कॉलोनी का निर्माण जोरों पर है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर भूखंड बेचने के विज्ञापन भी जारी कर दिए गए हैं।

ऐतिहासिक इनाम की ज़मीन का झगड़ा
इस ज़मीन की जड़ें इतिहास से जुड़ी हैं। होलकर रियासत ने फरवरी 1939 में यह ज़मीन नारायण पलसीकर को इनाम में दी थी। बाद में 1950 में नरेंद्र मेहता के पिता नवरतनमल जैन ने इस भूमि को ऋण निपटान के तहत खरीदा और तब से वह परिवार के नाम पर ही दर्ज है। नरेंद्र मेहता का दावा है कि राजस्व रिकॉर्ड में यह ज़मीन अब भी उनके पिता के नाम है।

दस्तावेजों में हेराफेरी, धमकियों की बौछार
नरेंद्र मेहता के अनुसार, आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर की। जैन के नाम पर दर्ज ज़मीन के रिकॉर्ड पर पर्ची चिपकाकर अवैध रूप से सदाशिव यादव का नाम जोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, जब मेहता अपनी ज़मीन पर पहुंचे, तो उन्हें धमकाया गया और पैसे की मांग की गई।

IPC की गंभीर धाराएं लगीं
तेजाजी नगर पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336, 337, 338, 339 और 340 के तहत केस दर्ज कर लिया है, जिनमें धोखाधड़ी, डराना-धमकाना और दस्तावेजों से छेड़छाड़ जैसे संगीन अपराध शामिल हैं।

राजनीतिक हलकों में हलचल
पीसीसी चीफ नाम सामने आने से मामला और भी गर्मा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस पर क्या रुख अपनाती है, और क्या प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करेगा या फिर राजनीतिक दबाव इसकी दिशा बदल देगा।