भोपाल में पहली बार क्राफ्टरूट्स एक्सपो का होगा आयोजन, 17 राज्यों के हुनरमंद कारीगर होंगे शामिल

भोपाल के हाट बाजार में 29 मई से 2 जून 2025 तक पहली बार क्राफ्टरूट्स संस्था द्वारा एक विशेष हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्घाटन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया जाएगा। यह प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहेगी।

17 से अधिक राज्यों के कारीगर होंगे शामिल

क्राफ्टरूट्स की संस्थापक अनार पटेल ने बताया कि इस प्रदर्शनी में देश के 17 से ज्यादा राज्यों से आए हुए 70 से अधिक पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगर हिस्सा लेंगे। इन कारीगरों में गुजरात, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, कश्मीर, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के शिल्पकार शामिल हैं, जो लाख की चूड़ियां, लेदर आर्ट, गोल्डन ग्रास, और अन्य लोक कला शैलियों के साथ अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।

पारंपरिक शिल्प को संजोने का प्रयास

अनार पटेल ने बताया कि उनकी संस्था 35 हजार से अधिक कारीगरों के साथ काम कर रही है और इस प्रदर्शनी के माध्यम से उन्हें राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने खास तौर पर गुजरात के पारंपरिक मश्रु फैब्रिक के संरक्षण के प्रयासों का जिक्र किया। जब उन्होंने मश्रु के बुनकरों से संपर्क किया, तो पता चला कि सभी कारीगर वृद्ध हो चुके हैं और उनकी मासिक आय मात्र ₹7,000 से भी कम है। इसके बाद उन्होंने इनके लिए बाजार तैयार करने और युवा पीढ़ी को इस शिल्प से जोड़ने का कार्य शुरू किया, जिससे अब ये कारीगर ₹22,000 तक की मासिक आमदनी प्राप्त कर पा रहे हैं।

परंपरा को जीवित रखती हैं लाख की चूड़ियां

जयपुर से आए इस्लाम अहमद, जो सात पीढ़ियों से लाख की चूड़ियां बनाने के पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हैं, ने बताया कि राजस्थान में लाख की चूड़ियों को बेहद शुभ माना जाता है। ये चूड़ियां एक पेड़ से प्राप्त प्राकृतिक तरल पदार्थ से बनाई जाती हैं और पारंपरिक अवसरों पर महिलाएं इन्हें विशेष रूप से पहनती हैं।

इतिहास से जुड़ी लेदर जूतियां

कच्छ से आए एक अन्य कारीगर ने बताया कि उनके परिवार ने बेगमों के जमाने की पारंपरिक लेदर जूतियों को संजो कर रखा है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां न केवल बाजार की नई संभावनाओं से अवगत कराती हैं, बल्कि इससे यह भी समझने में मदद मिलती है कि ग्राहकों की रुचि किस प्रकार की है। हालांकि उन्होंने यह भी चिंता जताई कि आज के समय में अच्छे कारीगरों की संख्या लगातार घट रही है।