पाकिस्तान से सटे इन 4 राज्यों में अब 31 मई को होगी मॉक ड्रिल, सुरक्षा को लेकर लोगों को किया जाएगा सतर्क

भारत सरकार ने पाकिस्तान से सटे चार राज्यों गुजरात, पंजाब, राजस्थान, और जम्मू-कश्मीर में 31 मई की शाम को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह ड्रिल नागरिकों को युद्ध की परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से की जाएगी। मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल लोगों को सतर्क करना है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में उनकी प्रतिक्रिया को भी परखना है।

मॉक ड्रिल के पीछे का उद्देश्य

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिक सुरक्षा सेवाओं की तैयारी का आकलन करना है। इसमें विभिन्न एजेंसियों और तंत्रों की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा, जिनमें कंट्रोल रूम, हवाई हमलों की चेतावनी प्रणाली, अग्निशमन, बचाव अभियान, और निकासी योजनाओं की कार्यक्षमता शामिल हैं। यह ड्रिल एक तरह से सैन्य और नागरिक एजेंसियों के बीच तालमेल को मजबूत करने का एक अवसर है। खासकर, नागरिकों को यह बताया जाएगा कि युद्ध या आतंकवादी हमलों जैसी स्थिति में उन्हें किस प्रकार की तैयारी करनी चाहिए और किस तरह से सुरक्षित रह सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, इस ड्रिल में खास ध्यान यह सुनिश्चित करने पर दिया जाएगा कि नागरिक सुरक्षा सेवाएं जैसे कि वार्डन सेवाएं, अग्निशमन विभाग, और बचाव अभियान सही तरीके से कार्य कर रहे हैं। इन सेवाओं के संचालन में किसी भी प्रकार की कमी का पता लगाकर उसे सुधारने का प्रयास किया जाएगा, ताकि असमय आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों को बेहतर सुरक्षा मिल सके।

मॉक ड्रिल का इतिहास और अहमियत

हालांकि, इस मॉक ड्रिल को पहले 30 मई को आयोजित किया जाना था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था और अब 31 मई को आयोजित किया जाएगा। यह ड्रिल पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में आयोजित की जा रही है, ताकि लोग आतंकी हमलों और युद्ध जैसी स्थिति में अधिक सतर्क और तैयार रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के नागरिकों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पहली बार ऐसी मॉक ड्रिल शुरू की थी।

यह ड्रिल न केवल पाकिस्तान से सटे राज्यों में, बल्कि पूरे देश में नागरिक सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। युद्ध, आतंकवादी हमले या प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को किस तरह से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, इस पर यह मॉक ड्रिल लोगों को शिक्षा देने का एक प्रभावी तरीका है।

ब्लैकआउट का महत्व और प्रक्रिया

मॉक ड्रिल के दौरान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है ‘ब्लैकआउट’ जो युद्ध के समय एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय होता है। ब्लैकआउट का उद्देश्य दुश्मन की निगरानी से बचने के लिए नागरिक क्षेत्रों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को छिपाना है। इस दौरान शहरों में सभी स्ट्रीट लाइट्स, गाड़ियों की हेडलाइट्स, और सार्वजनिक लाइटिंग को बंद कर दिया जाता है।

इसके अलावा, खिड़कियों को काले कागज, पर्दे या ढाल से ढक दिया जाता है ताकि आसमान से यह इलाका अंधेरे में डूबा नजर आए और दुश्मन के लिए इसे पहचानना मुश्किल हो। यह एक रणनीतिक उपाय होता है जो दुश्मन की हवाई निगरानी को भ्रमित करने के लिए किया जाता है।