इंदौर में विशाल मानव श्रृंखला बना कर दिया “उल्टी छतरी” करने का संदेश, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में चल रहा अभियान

देशभर में इंदौर स्वच्छता में पहला स्थान हासिल करने के बाद अब इंदौर महापौर ने शहर को जल संरक्षण के साथ ही जल संवर्धन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है।  जिसके चलते शहर में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत एक विशाल मानव श्रृंखला बनाई गई। इसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लेकर ‘जल बचाओ – भविष्य बचाओ’ का संदेश दिया।

मानव श्रृंखला का आयोजन
रणजीत हनुमान मंदिर से लेकर महाराणा प्रताप प्रतिमा तक इंदौरवासियों ने हाथों में हाथ डालकर जल संरक्षण का संदेश दिया। इस आयोजन का नेतृत्व महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने किया। इस अवसर पर ‘जल गंगा रथ’  को भी रवाना किया गया, जो घर-घर जाकर जल बचाने का महत्व बताएंगा। इस मौके पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि “इंदौर ने स्वच्छता में जो मुकाम हासिल किया है, अब वही प्रयास जल संरक्षण के क्षेत्र में भी किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि इंदौर जल संरक्षण में भी नंबर वन बने।

जनता से की गई अपील
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने “हर घर बारिश का पानी रोके की अपील करते हुए भूजल स्तर बढ़ाने का संदेश दिया है। यहां महापौर ने उल्टी छतरी को जल संवर्धन का प्रतीक बताते हुए समझाया कि यह पानी सहेजने का प्रतीक है, जबकि सामान्य छतरी केवल बचाव का संकेत देती है। इस आयोजन में
एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा, पार्षद कंचन गिदवानी, हरप्रीत लूथरा, रूपाली पेंढारकर, पराग कौशल, कमल वाघेला, योगेश गेंदर, नगर निगम के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन शामिल हुए।

शहर में जल संरक्षण के ऐसे हुए प्रयास
महापौर ने बताया कि इंदौर में बीते तीन वर्षों से निरंतर जल संरक्षण पर काम हो रहा है। इसके तहत
1.25 लाख से अधिक रेन वॉटर हार्वेस्टर लगाए इसके साथ ही 156 कुओं, 28 बावड़ियों और 16 तालाबों का गहरीकरण किया गया। सभी चैनलों की सफाई सुनिश्चित की गई इसके साथ ही महापौर ने सभी से आग्रह किया है कि “जल के लिए एकजुट हों, संवेदनशील बनें और अपने भविष्य को सुरक्षित करें। जब तक नागरिकों की भागीदारी नहीं होगी, तब तक यह अभियान अधूरा रहेगा।”