उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सिंहस्थ 2028 भव्य, आलौकिक और दिव्य होगा। उज्जैन शहर पवित्र क्षिप्रा नदी के दोनो तटों पर बसा है । इस शहर का पौराणिक और धार्मिेक महत्व है ।प्रत्येक 12 वर्ष में क्षिप्रा नदी के दोनो तटो पर सिंहस्थ महापर्व मेले का आयोजन होता है । आगामी सिंहस्थ 2028 के आयोजन हेतु क्षिप्रा नदी को निर्मल-अविरल एवं निरंतर प्रवाहमान बनाकर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में विभिन्न धार्मिक पर्वों पर, अनुष्ठान हेतु पर्याप्त स्वच्छ जल उपलब्ध कराये जाने हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा कान्ह क्लोज डक्ट ,सेवरखेडी सिलारखेडी परियोजना पर कार्य किया जा रहा है । इसके साथ ही सिंहस्थ 2028 में श्रध्दालुओ को सुविधापूर्वक स्नान हो सके इसके लिए घाट बनाए जा रहे है, जिनका भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शनिवार 31 मई को किया जाएगा ।
इन कार्यों में उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु दोनों किनारों पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक लगभग 30 किलोमीटर के घाट निर्मित किए जाएगें । उक्त परियोजना की लागत रू. 778.91 करोड़ है । यह कार्य आरंभ कर दिसंबर 2027 तक पूर्ण किया जाएगा।
इसी के साथ क्षिप्रा नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा 09 बैराज का निर्माण (उज्जैन जिले में 01, इंदौर जिले में 01 एवं देवास जिले में 07 बैराज) एवं नगर निगम उज्जैन द्वारा कालियादेह स्टॉप डेम का मरम्मत कार्य एवं कान्ह नदी पर 11 बैराजों (उज्जैन जिले में 05 एवं इंदौर जिले में 06) का निर्माण करवाया जाएगा। बैराज निर्माण की कुल लागत 84.78 करोड रुपए है। उक्त 21 बैराजो से लगभग 02 हजार 19 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी और क्षिप्रा नदी के शुद्धीकरण को मूर्त रुप दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जानकारी दी कि सिंहस्थ 2028 में मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा शिप्रा नदी को स्वच्छ ,अविरल एवं प्रवाहमान बनाने के लिए सेवरखेडी सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना के अंतर्गत तेज गति से कार्य किया जा रहा है। परियोजना की लागत राशि रू. 614.53 करोड है।
परियोजना के तहत उज्जैन जिले के ग्राम सेवरखेड़ी में क्षिप्रा नदी पर बैराज का निर्माण कर पम्पिंग के माध्यम से सिलारखेडी जलाशय में जल एकत्रित कर आवश्यकता अनुसार क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया जायेगा । परियोजना से उज्जैन शहर को पेयजल एवं विभिन्न धार्मिक पर्वों पर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप निर्मल अविरल जल उपलब्ध कराया जायेगा। परियोजना का कार्य वर्ष 2027 तक पूर्ण किया जाएगा ।
कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना