प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब बेटियों की शादी की उम्र पर बहस होती है, तो कुछ लोग उसे सेकुलरिज्म से जोड़ने लगते हैं। लेकिन देवी अहिल्याबाई ने 250 साल पहले ही सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। उन्होंने महिलाओं की रक्षा के लिए ‘नारी सुरक्षा टोलियों’ का गठन किया था। यह कदम उस दौर में एक साहसिक और क्रांतिकारी सोच का उदाहरण था।
गुलामी के दौर में भी लोकमाता ने दिखाई नेतृत्व की मिसाल – पीएम मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय जब भारत विदेशी शासन की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब देवी अहिल्याबाई जैसी नेतृत्वकर्ता ने अपने राज्य को नई दिशा दी। उन्होंने बताया कि उस कालखंड में जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने की स्वतंत्रता नहीं थी, तब अहिल्याबाई ने शासन का भार संभालते हुए कल्याणकारी योजनाएं चलाईं और न्याय के नए मानदंड स्थापित किए।
देवी अहिल्या का नाम लेते ही जागता है श्रद्धा का भाव: प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का नाम सुनते ही पूरे देशवासियों के मन में सम्मान और श्रद्धा की भावना उमड़ पड़ती है। उनका व्यक्तित्व इतना विशाल है कि उसके बारे में बोलते समय शब्द भी छोटे लगते हैं। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई का जीवन सेवा, करुणा और कर्तव्यबोध से भरा हुआ था, जो आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
विकास योजनाओं को बताया नए युग की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने इंदौर मेट्रो और सतना-दतिया एयरपोर्ट की शुरुआत को मप्र के विकास की नई रफ्तार करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य में निवेश है। इन परियोजनाओं से जहां आवागमन सुगम होगा, वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने इस ऐतिहासिक दिन पर मध्यप्रदेश की जनता को ढेरों शुभकामनाएं दीं और कहा कि देवी अहिल्या की सोच और सेवा भावना से प्रेरित होकर यह प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा।