महाकाल के दर्शन के नाम फर्जीवाड़ा, प्रबंधन नहीं लगा पा रहा अंकुश, कमाई का जरिया बन गया है महाकाल के जल्दी दर्शन कराना

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन को आते हैं। जो भक्त दूर-दूर से आते है वह अपनी आस्था और भक्ति लेकर आते है। जो महाकाल के करीब जाने की इच्छा रखते है लेकिन मंदिर प्रबंधन ने जो नियम बनाए वह आस्था पर ठोस जैसा ही नजर आता है। भगवान को किस पर कृपा करना वह तो हर व्यक्ति की आस्था पर निर्भर करता है लेकिन मंदिर प्रबंधन की लापरवाही के चलते अब महाकाल मंदिर में फैली अव्यवस्था और वसूली देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। वहीं कुछ लोग भक्तों की आस्था को ठगने का जरिया बना बैठे हैं। शुक्रवार को मंदिर परिसर में एक ऐसा ही फर्जीवाड़ा उजागर हुआ, जिसने सभी को चौंका दिया।

फर्जी टिकट पर करा रहा था दर्शन

महाकाल मंदिर में एक बड़ा घोटाला सामने आया। यहां एक युवक को रंगे हाथों पकड़ा गया, जो खुद को “शीघ्र दर्शन” कराने की जुगाड़ करवाने वाला बता रहा था। युवक अजय, जो कि उज्जैन के गोलामंडी इलाके का रहने वाला है, दिल्ली से आए 7 श्रद्धालुओं को दूसरों की टिकट पर मंदिर में घुसाने की कोशिश कर रहा था। अजय ने इन श्रद्धालुओं से शीघ्र दर्शन के बदले 1100-1100 रुपये वसूले थे। लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। जब वह श्रद्धालुओं को लेकर मंदिर परिसर में दाखिल हुआ, तभी सुरक्षा अधिकारियों की नजर उस पर पड़ी और उसकी पोल खुल गई थी। महाकाल थाना पुलिस ने आरोपी अजय के खिलाफ तुरंत केस दर्ज कर लिया है और इस पूरे गिरोह की कड़ियां जोड़ने में जुट गई है। जांच में सामने आया है कि इन श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर फूल-प्रसाद बेचने वाले राजकुमार नाम के युवक से दर्शन की जानकारी ली थी, जिसने उन्हें अजय से मिलवाया था। गिरफ्त में आए श्रद्धालुओं में अभिषेक साहू, आदित्य कुशवाह, तनिष्क गुप्ता, पीयूष गुप्ता (सभी निवासी बांधवगढ़, उमरिया) और रवि शंकर कुमार, प्रीति (निवासी शाहदरा, दिल्ली) शामिल हैं। सभी श्रद्धालु बाबा के दर्शन की लालसा लेकर उज्जैन पहुंचे थे, लेकिन जालसाजों का शिकार बन गए। जांच अभी जारी है, और पुलिस को शक है कि इस फर्जीवाड़े में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल अधिकृत माध्यमों से ही दर्शन टिकट प्राप्त करें और किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।  यह घटना महाकाल मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।