विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब अगर किसी छात्र ने एक ही समय में दो डिग्री कोर्स किए हैं, तो उन्हें वैध और मान्य माना जाएगा। पहले की नीति के अनुसार, एक समय में दो डिग्रियों को मान्यता नहीं दी जाती थी, जिससे हजारों छात्रों की मेहनत व्यर्थ चली जाती थी।
अब इस फैसले के बाद ऐसे सभी छात्र जो एक साथ दो डिग्रियां कर चुके हैं, उन्हें फायदा मिलेगा, चाहे उन्होंने यह पढ़ाई 2022 से पहले ही क्यों न की हो।
2022 की गाइडलाइन में हुआ अहम संशोधन
अप्रैल 2022 में UGC ने डुअल डिग्री को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की थी जिसमें कहा गया था कि केवल 13 अप्रैल 2022 के बाद से ही एक साथ ली गई डिग्रियों को मान्यता दी जाएगी। इसका मतलब था कि 2022 से पहले एक साथ की गई डिग्रियां अमान्य मानी जाती थीं। अब इस नीति में संशोधन करते हुए UGC ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 2022 से पहले की डिग्रियां भी मान्य होंगी, जिससे पुराने छात्रों को भी बराबरी का लाभ मिल सकेगा।
क्लास टाइम और मोड को लेकर दिशा-निर्देश
UGC ने डुअल डिग्री के लिए कुछ शर्तें भी तय की हैं ताकि शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े। यदि कोई छात्र एक साथ दो डिग्री कर रहा है, तो दोनों कोर्स की कक्षाएं अलग-अलग समय पर होनी चाहिए। इसके अलावा, छात्र एक डिग्री फिजिकल (परंपरागत) मोड में और दूसरी डिग्री ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) या ऑनलाइन मोड में कर सकते हैं। दोनों कोर्स ऑनलाइन या ओडीएल मोड में भी किए जा सकते हैं। इन दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करना छात्रों के लिए अनिवार्य होगा।
छात्रों की मेहनत को मिलेगा सम्मान
यह निर्णय उन लाखों छात्रों के लिए राहत भरा है, जिन्होंने डुअल डिग्री करके कड़ी मेहनत की लेकिन मान्यता को लेकर असमंजस में थे। अब उनकी पढ़ाई को पूरी तरह से वैध माना जाएगा और वे इस आधार पर नौकरियों, उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे। यह बदलाव न केवल उनके करियर को मजबूती देगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी अधिक लचीला और समावेशी बनाएगा।
आधिकारिक वेबसाइट पर जारी हुई सूचना
UGC ने इस महत्वपूर्ण संशोधन को अपनी आधिकारिक वेबसाइट ugc.gov.in पर नोटिफिकेशन के रूप में जारी कर दिया है। यह कदम शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है, जो न केवल वर्तमान छात्रों बल्कि पूर्व छात्रों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा।