Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान के एयरबेसों पर दागी थी 19 ब्रह्मोस मिसाइल, ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा खुलासा

Operation Sindoor: पिछले महीने भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ किए गए साहसिक जवाबी हमलों के बाद अब ऑपरेशन सिंदूर की नई और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इस सैन्य अभियान ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को गहरी चोट पहुंचाई, बल्कि भारत की सामरिक ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता को भी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया।

19 ब्रह्मोस मिसाइलों का प्रहार

हिंदुस्तान टाइम्स की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने 7 से 10 मई के बीच चले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेसों पर 19 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें दागीं। ये मिसाइलें, जो अपनी अचूक निशानेबाजी और मच 2.8 की रफ्तार के लिए जानी जाती हैं, ने पाकिस्तानी वायुसेना की रीढ़ को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, भारत ने 19 फ्रांसीसी स्काल्प सबसोनिक क्रूज मिसाइलों का भी उपयोग किया, जो लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम हैं।

ये हमले इतने प्रभावी थे कि पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचा, जिससे उनकी हवाई रक्षा और हमलावर क्षमता लगभग ठप हो गई। डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर यह पुष्टि हुई है कि इस अभियान में पाकिस्तान ने चार युद्धक विमान और दो बड़े विमान खो दिए।

Operation Sindoor में क्रिस्टल मेज मिसाइलों ने लश्कर मुख्यालय को किया ध्वस्त

ऑपरेशन सिंदूर का एक और महत्वपूर्ण पहलू 7 मई को आतंकी ढांचे पर किए गए हमले थे, जो पूरी तरह सफल रहे। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने क्रिस्टल मेज मिसाइलों का इस्तेमाल कर लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित मार्कज-ए-तैबा मुख्यालय को पूरी तरह नष्ट कर दिया। ये मिसाइलें छोटे प्रवेश बिंदु के साथ आंतरिक रूप से भारी विनाश करने की क्षमता रखती हैं, जिसने आतंकी संगठन की कमान और नियंत्रण व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया।

पाकिस्तान की जवाबी कोशिशें नाकाम

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में चीनी मूल की पीएल-15 हवा-से-हवा मिसाइलों और तुर्की निर्मित वाईआईएचए लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल करने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय वायुसेना की इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली ने इनमें से अधिकांश को या तो जाम कर दिया या उनके निशाने चूक गए। इसके अलावा, पाकिस्तान ने मलिर और चकलाला छावनी से मिश्रित रेंज की दो फायर यूनिट्स के जरिए भारतीय हवाई हमलों को रोकने की कोशिश की, लेकिन यह भी असफल रहा।

Operation Sindoor के बाद भारत की रक्षा तैयारियों में तेजी

रक्षा मंत्रालय ने Operation Sindoor के बाद तीनों सेनाओं को लंबी दूरी की गोला-बारूद की आपूर्ति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया कि भारत जल्द ही लंबी दूरी की लॉइटरिंग म्यूनिशन्स, हवा-से-हवा मिसाइलें और कामिकaze ड्रोन जैसे हथियारों का स्टॉक बढ़ाएगा। यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का भी प्रतीक है। इस अभियान ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य और आतंकी बुनियादी ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई, बल्कि भारत के स्वदेशी और सह-विकसित हथियारों की ताकत को भी दुनिया के सामने ला दिया। ब्रह्मोस और क्रिस्टल मेज मिसाइलों ने इस ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाकर भारत की तकनीकी और सामरिक श्रेष्ठता को साबित किया।