उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी के बेटे की रंगपंचमी गेर में तबीयत बिगड़ने के बाद रात को अचानक उसकी मौत हो गई। पुजारी के बेटे का नाम मयंक था. मयंक ने रंगपंचमी पर भगवान महाकाल के ध्वज चल समारोह में करतब भी दिखाया था. गेर के दौरान सभा मंडप में तलवार घुमाने का उसका वीडियो भी सामने आया है। उस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई थी।
लगभग रात 10 बजे वह अपने घर जाकर सोया परन्तु सुबह उठ ही नहीं पाया। आशंका है की मयंक की मौत साइलेंट अटैक से हुई है। डॉक्टर्स का ऐसा मानना है कि तेज आवाज में बज रहा बैंड भी अटैक का कारण हो सकता है। महाकाल मंदिर के सहायक पुजारी मंगेश गुरु का बेटा मयंक कलाबाजी दिखाता था। तो रविवार को रंगपचंमी के अवसर पर भगवान महाकाल के ध्वज चल समारोह की तैयारी शाम से ही चल रही थी। मयंक शाम करीब 5:30 बजे वह पहुंच गया था।
ध्वज पूजन के बाद गेर शुरू होने के पहले मयंक ने सभा मंडप में तलवार घुमाकर प्रदर्शन किया। फिर वह गेर में शामिल भी हुआ. पूछताछ पर पता चला की गेर के मंदिर से बाहर निकलते ही मयंक को घबराहट हुई। इसे सामान्य मानकर वो जूस पीकर फिर गेर में शामिल हो गया। मयंक ने कई स्थानों पर अखाड़े का भी प्रदर्शन किया था। गुदरी पहुंचने पर मयंक की तबीयत दोबारा बिगड़ गई। इसके बाद वह खत्रीवाड़ा स्थित अपने घर पहुंच गया। घर पहुंचने के बाद मयंक सोया तो सुबह उठा ही नहीं पाया। मयंक की मौत से गुरु मंडली में शोक फैल गया।
माधव शर्मा मयंक के दोस्त ने बतया की मयंक अपनी दो बहनों का इकलौता भाई था। मयंक अक्षत कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा 10वीं का छात्र था। मयंक अपनी बहनों से छोटा होने के कारण बहुत दुलारा था। कभी भी बाजार जाना हो तो भी वह बहनों के साथ ही जाता था। बहनों की पसंद से ही चीजे खरीदता था. माधव ने ये भी बताया कि रविवार को शाम को मंदिर पहुंचने के बाद मयंक का फोन आया था। भगवान महाकाल की गेर को लेकर वह उत्साहित था। गेर के लिए मयंक ने नए कपड़े भी खरीदे थे। घटना से दोनों बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
डॉक्टर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चों के बढ़ते वजन पर अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए। अनियमित खानपान और दिनचर्या से कम उम्र में साइलेंट अटैक की घटना सामने आ रही हैं। मृतक मयंक के मामले में संभवतह उसके आसपास तेज आवाज से बज रहा बैंड भी अटैक का कारण हो सकता है।